7 अगस्त 2021 को भारत ने कोरोना को परास्त करने की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए 50 करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा पार कर लिया। यह दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज गति से चलने वाला वैक्सीनेशन प्रोग्राम है। तमाम अवरोधों के बावजूद यह उपलब्धि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति, कोरोना वॉरियर्स की लगन और वैज्ञानिकों एवं उद्यमियों के साहसिक प्रयास का परिचायक है।
यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच का नतीजा था कि देश में केवल 9 महीने में ही एक नहीं, बल्कि दो- दो मेड इन इंडिया कोविड वैक्सीन बन कर तैयार हुईं और वैज्ञानिक तरीके से इनकी लांचिंग भी हुई। चरणबद्ध तरीके से जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने 135 करोड़ देशवासियों को साथ लेकर कोविड के खिलाफ लड़ाई लड़ी और दुनिया को इस चुनौती से पार पाने की राह दिखाई, वह अपने आप में अद्वितीय है।
16 जनवरी, 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरूआत की थी, जो इतना आसान न था। देश को वैक्सीनेशन में पहले 10 करोड़ का आंकड़ा छूने में 85 दिन लगे थे लेकिन इसके बाद लगातार इसमें तेजी आती गई। मोदी सरकार के हस्तक्षेप से अनिवार्य लाइसैंसिंग की प्रक्रिया आसान की गई ताकि अन्य वैक्सीन उत्पादक कम्पनियां भी इससे जुड़ सकें और वैक्सीन उत्पादन में तेजी आ सके। कोविशील्ड और कोवैक्सीन के साथ- साथ स्पुतनिक का भी देश में उत्पादन शुरू हुआ। इसी 7 अगस्त को जॉनसन एंड जॉनसन की कोविड वैक्सीन को भी मंजूरी दी गई। प्रधानमंत्री मोदी लगातार पूरे वैक्सीनेशन कार्यक्रम की मॉनिटरिंग करते रहे।
मोदी सरकार 75 प्रतिशत टीके खरीद कर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मुफ्त दे रही है। इतनी बड़ी आबादी को मुफ्त वैक्सीन मुहैया करना भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इस साल के अंत तक हमारे पास लगभग 136 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध होंगी। अन्य वैक्सीन को मान्यता देने की प्रक्रिया भी सरल बनाई गई है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने टीकों की फास्ट ट्रैक मंजूरी के लिए कई कदम उठाए हैं। क्लिनिकल ट्रायल और वैक्सीन के अप्रूवल के लिए फास्ट ट्रैक प्रोसैसिंग सिस्टम बनाया गया है।
विपक्ष शुरू से भारत के वैक्सीनेशन कार्यक्रम को पटरी से उतारने की कोशिश में लगा हुआ था, नकारात्मकता फैला कर और दुष्प्रचार के जरिए जनता को गुमराह कर रहा था। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से लेकर उसके द्वारा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्री तक वैक्सीन और वैक्सीनेशन पर जनता को गुमराह कर रहे थे। कभी वैक्सीन की गुणवत्ता पर सवाल उठाया गया तो कभी इसके साइड इफैक्ट को लेकर। कांग्रेस शासित राज्यों ने तो कुछ समय तक वैक्सीन लगाने से भी मना कर दिया। इस सबसे वैक्सीन की रफ्तार तो कुछ धीमी हुई लेकिन जनता जल्द ही कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति को समझ गई और उसने वैक्सीन कार्यक्रम को सफल बनाने की ठान ली।
जब कांग्रेस का यह दांव नहीं चला तो वह वैक्सीन की कमी का रोना रोने लगी, वैक्सीन की खरीद और वितरण में राज्यों को अधिकार देने की बात करनी शुरू की। जब केंद्र सरकार ने राज्यों को अधिकार दे दिया तो कहने लगे कि नहीं, यह तो केंद्र को करना चाहिए। कांग्रेस शासित राज्यों में वैक्सीन की बर्बादी की गई और वैक्सीन में भी घोटाले किए गए। एक विपक्षी पार्टी के नेता ने तो इसे ‘बीजेपी की वैक्सीन’ बता दिया। विपक्ष ने भारत के वैक्सीनेशन कार्यक्रम को पटरी से उतारने की हर तरह की कोशिश की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वॉरियर्स की लगातार हौसला अफजाई की। उन्होंने चिकित्सकों, नर्सों और अन्य सभी स्वास्थ्यकर्मियों से बात की और उनके मार्ग में आने वाली बाधाओं को लगातार दूर करने का अथक प्रयास किया। उन्होंने मानवता की जो सेवा की है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपनी जान की बाजी लगा दी। कोरोना से मुक्त होने के बाद जब मरीजों के चेहरे पर मुस्कान खिलती तो उनमें ही उन्हें आत्म संतोष मिलता था।
हम सब जानते हैं कि पहले बीमारियों का टीका भारत आने में कितने-कितने साल लग जाते थे। कांग्रेस सरकार के दौर में देश में जापानी इन्सेफेलाइटिस वैक्सीन आने में वर्षों लग गए थे। इसी तरह पोलियो और टिटनैस की वैक्सीन दुनिया में आने के कई साल बाद भारत आ पाई थी। विदेशों में वैक्सीन का काम पूरा हो जाता था तब भी हमारे देश में वैक्सीनेशन का काम शुरू भी नहीं हो पाता था।
इस बार दुनिया आश्चर्यचकित रह गई कि जो भारत वैक्सीन के लिए दुनिया के अन्य देशों पर आश्रित रहा करता था, उसने कैसे न केवल विश्व-स्तरीय वैक्सीन विकसित कीं, बल्कि संकट के समय दुनिया के अन्य देशों की मदद भी की। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम न रुकेंगे, न थकेंगे और इसी जज्बे और लगन के साथ वैक्सीनेशन कार्यक्रम को और गति देंगे। हम इस वर्ष के अंत तक देश के हर नागरिक को वैक्सीनेट करने के लक्ष्य को साकार करने में जरूर सफल होंगे।
जगत प्रकाश नड्डा (राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी)
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