Sunday, Mar 26, 2023
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india us relations will be strengthened under biden rule aljwnt

‘बाइडेन के शासन में मजबूत होंगे भारत-अमेरिका संबंध’

  • Updated on 1/21/2021

दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र अमरीका (America) में बुधवार को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने पद की शपथ ली। उनके साथ भारतीय मूल की अमरीकी नागरिक कमला हैरिस ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। इसके साथ ही उन्होंने अमरीका की उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला तथा ऐसी पहली अमरीकी भारतीय होने का गौरव हासिल करने के साथ ही एक नया इतिहास रच दिया है। यहां यह भी काफी महत्वपूर्ण है कि भारतीय मूल के 20 अमरीकी बाइडेन प्रशासन का हिस्सा बनाए गए हैं। 

इनमें से कम से कम 17 लोग ताकतवर व्हाइट हाऊस परिसर में बाइडेन प्रशासन का हिस्सा होंगे। इनमें नीरा टंडन को प्रबंधन एवं बजट का निदेशक मनोनीत किया गया है। इसके अलावा यूएस सर्जन जनरल का प्रतिष्ठित पद डा. विवेक मूॢत को सौंपा गया है। वनिता गुप्ता को न्याय विभाग में एसोसिएट अटॉर्नी जनरल बनाया गया है जबकि समीरा फैजिली को नैशनल इकोनॉमिक काऊंसिल का उपनिदेशक नियुक्त किया गया है। इतनी संख्या में भारतीय मूल के लोगों का बाइडेन प्रशासन में शामिल होना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पारंपरिक तौर पर डैमोक्रेटिक पार्टी, जिससे वह संबंध रखते हैं, भारत समर्थक नहीं मानी जाती है। पारंपरिक रूप से रिपब्लिकन पार्टी प्रशासन के भारत से बेहतर संबंध रहे हैं।

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हालांकि अब राजनीतिक परिदृश्य बदल गया है। ट्रंप प्रशासन बाहरी तौर पर प्रधानमंत्री मोदी से मिलनसारिता का प्रदर्शन करता रहा है लेकिन उसने भारत के साथ व्यापार को बेहतर बनाने के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किए। इसके विपरीत उसने वीजा नियमों को कड़ा कर दिया जिससे अमरीका के वर्क वीजा के चाहवान भारतीय नागरिकों के हित प्रभावित हुए। 
दूसरी ओर बाइडेन भारत के साथ बेहतर समझ विकसित करने के लिए तत्पर नजर आते हैं और वह उस समय भी भारत के पक्ष में बोलते रहे हैं जब वह ओबामा के अधीन उपराष्ट्रपति थे तथा बाद में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने। उन्होंने कमला हैरिस तथा अन्य अमरीकी-भारतीयों में जो विश्वास जताया है वह इस बात का संकेत है कि भारत-अमरीका संबंध और बेहतर हो सकते हैं। 

 पिछले साल भारत के स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय अमरीकी समुदाय को संबोधित करते हुए बाइडेन ने कहा था कि राष्ट्रपति बनने के बाद भी वह इस समुदाय पर भरोसा करते रहेंगे जो दोनों देशों को एकजुट रखता है। 
नि:संदेह उन्होंने हमेशा भारत का समर्थन किया है। उन्होंने कई बार भारत पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की बात कही है। 2008 में भारत के साथ हुए परमाणु समझौते में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। यहां तक कि  उनके गृह मंत्री ने भी कहा है कि भारत के साथ रिश्ते मजबूत करना उनकी उच्च प्राथमिकता होगी।

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 इसमें कोई संदेह नहीं कि बाइडेन प्रशासन में शामिल अमरीकी-भारतीय अमरीका के हितों को प्राथमिकता देंगे लेकिन इसके साथ ही अपने मूल देश के प्रति भी उनकी सहानुभूति रहेगी। उधर व्हाइट हाऊस से ट्रम्प की विदाई भारत के लिए कोई खास नुक्सानदेह नहीं होगी। दरअसल पीएम मोदी उन पहले लोगों में शामिल थे जिन्होंने चुनाव में जीत पर बाइडेन को बधाई दी थी। यह एक अच्छी शुरूआत थी क्योंकि एक ऐसे माहौल में जहां चीन एक बाहुबली की तरह पेश आ रहा है, भारत-अमरीका के संबंधों में मजबूती दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के हित में होगी। 

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख (ब्लाग) में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इसमें सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इसमें दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार पंजाब केसरी समूह के नहीं हैं, तथा पंजाब केसरी समूह उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।

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