Sunday, Apr 02, 2023
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भारतीय स्मार्टफोन बाजार पर चीन की धाक

  • Updated on 1/5/2017

Navodayatimesनई दिल्ली (टीम डिजिटल) : भारतीय स्मार्टफोन बाजार पर चीन ने धाक जमाते हुए इसके 40 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर लिया है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में पिछले साल चीनी स्मार्टफोन विनिर्माता कम्पनियों ने कुल बाजार की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी पर कब्जा कर लिया। बता दें कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार है।
वैश्विक शोध कम्पनी इंटरनैशनल डाटा कॉर्पोरेशन के अनुसार पिछले साल तीसरी तिमाही में सैमसंग के बाद सबसे ज्यादा बिक्री लेनोवो कम्पनी के फोन की रही। रिपोर्ट में कहा गया कि सैमसंग और लेनोवो के बाद शाओमी 10.7 प्रतिशत मार्कीट शेयर के साथ तीसरे नंबर पर रही। यह सर्वे भारत के 30 प्रमुख शहरों में किया गया।
भारतीय स्मार्टफोन कम्पनियों में गिरावट दर्ज 

रिपोर्ट में कहा गया कि चीनी कम्पनियों की इस मजबूती की वजह से भारतीय स्मार्टफोन कम्पनियों में गिरावट दर्ज की गई। अक्तूबर में माइक्रोमैक्स की बिक्री में 16.7 प्रतिशत तक की गिरावट आई। रिपोर्ट में कहा गया कि चीनी स्मार्टफोन कम्पनियां सवा अरब से ज्यादा आबादी वाले भारत को ‘नए चीन’ के तौर पर देख रही हैं और आगामी दिनों में प्रतिस्पर्धा और बढऩे वाली है।

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 कीमतों को लेकर जबरदस्त प्रतिस्पर्धा 
सर्वे के मुताबिक भारतीय स्मार्टफोन बाजार में बढ़ौतरी के बावजूद कीमतों को लेकर जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय ग्राहक चीनी ग्राहकों के मुकाबले कीमतों को लेकर काफी संवेदनशील होते हैं। भारतीय बाजार में स्मार्टफोन की औसतन कीमत 100 डॉलर यानी साढ़े 6 हजार रुपए के करीब है।

चीन की दीवार से भी पुराने चीनी नमक कानून में होगा बदलाव
अब विश्वविख्यात चीन की दीवार से भी पुराने चीनी नमक कानून में बदलाव हो रहा है। सरकार ने 2,000 से भी अधिक पुरानी व्यवस्था में ढील देनी शुरू कर दी है। चीन की राज्य परिषद की पिछले साल की योजना के अनुसार नए साल में सरकारी विनियामक निजी इकाइयों को नमक बाजार में कारोबार की छूट देने जा रहे हैं। नई व्यवस्था में मौजूदा थोक व्यापारियों को अब अपने निर्धारित इलाकों से बाहर जाकर भी कारोबार करने की अनुमति होगी।

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अलीबाबा ने 3.41 अरब डॉलर टैक्स चुकाया
चीन की ई-कॉमर्स कम्पनी अलीबाबा का कहना है कि वर्ष 2016 में उसने 3.41 अरब डॉलर का टैक्स चुकाया है और 3 करोड़ नई नौकरियां भी दी हैं। कम्पनी ने एक बयान में कहा कि अलीबाबा के साथ काम करने वाले व्यापारियों, विनिर्माण सांझेदारों और लॉजिस्टिक कम्पनियों ने पिछले वर्ष कम से कम 200 अरब युआन टैक्स चुकाया है। 

भारत के बढ़ते प्रभाव से चीन के सिंहासन पर खतरा
पेइचिंग: वैश्विक मार्कीट में भारत के बढ़ते प्रभाव से फिलहाल नंबर वन पर काबिज चीन को अपने सिंहासन पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है। कई मल्टीनैशनल फम्र्स के लिए भारत पसंदीदा डैस्टिनेशन बनता जा रहा है। इस पर चीन के मीडिया ने अपनी सरकार को मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने पर फोकस करने की सलाह दी है। 
एक तरफ  जहां चीन की मुश्किलें अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बढ़ा दी हैं तो दूसरी तरफ  भारत से भी कड़ी चुनौती मिल रही है। ट्रम्प ने अमरीका में मैन्युफैक्चरिंग सैक्टर को वापस लाने का वायदा दोहराया है। मोबाइल निर्माता क्षेत्र की अग्रणी कम्पनी एप्पल जल्द ही भारत में आईफोन की प्रोडक्शन यूनिट खोलने वाली है।

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एप्पल की संभावित सप्लाई चेन के आने से चीन पर बढ़ेगा दबाव 
दक्षिण एशियाई देशों में एप्पल की संभावित सप्लाई चेन के आने से चीन पर दबाव बढ़ेगा। यह देखने वाली बात है कि भारत मैन्युफैक्चरिंग पावर हाऊस के तौर पर चीन की जगह ले पाएगा या नहीं लेकिन जैसी नई स्थिति तैयार हो रही है उससे यह तो स्पष्ट है कि चीन को मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को बढ़ाना ही होगा।

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