नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। एक अध्ययन के अनुसार, कुछ लोग जो रुमेटाइड गठिया जैसे विभिन्न सामान्य प्रतिरक्षा प्रणाली वाले विकारों के इलाज के लिए मेथोट्रेक्सेट लेते हैं, उनमें कोविड-19 टीके के लिए प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया कमजोर हो सकती है।
‘एनल्स ऑफ द रूमेटिक डिजीज’ नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में यह जानकरी दी गयी है। अध्ययन के अनुसार फाइजर-बायोएनटेक एमआरएनए कोविड-19 टीके के प्रति मरीजों की प्रतिक्रियाओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया और अनुसंधानकर्ताओं ने प्रत्येक रोगी में टीके से बने एंटीबॉडी की माप की। शरीर में टीका लगने के बाद एंटीबॉडी बनने लगती हैं।
हालांकि, अमेरिका में एनवाईयू ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन और एनवाईयू लैंगोन हेल्थ के अनुसंधानकर्ताओं ने आगाह किया कि मेथोट्रेक्सेट लेने वाले रोगियों में कम एंटीबॉडी बनने का मतलब यह नहीं है कि ऐसे मरीज कोविड से सुरक्षित नहीं हैं।
अध्ययन की सह-लेखक रेबेका हैबरमैन ने कहा, यह बताना सबसे अहम है कि रोगियों को हमारे अध्ययन के निष्कर्षों को लेकर ङ्क्षचतित नहीं होना चाहिए क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली विकार वाले अधिकतर रोगी एमआरएनए टीकों पर अच्छी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।Þ उन्होंने कहा कि यह भी संभव है कि मेथोट्रेक्सेट कोविड-19 के खिलाफ पर्याप्त प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को रोकने के बदले देरी कर रहा है।
आम्रपाली पर CBI ने 230 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया
रोड रेज मामले में सिद्धू ने पटियाला की अदालत में आत्मसमर्पण किया
चित्रा रामकृष्ण की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने CBI से मांगा जवाब
अंतरिम जमानत मिलने के बाद सपा नेता आजम खान जेल से रिहा, जाहिर किया...
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने आयकर में छूट और दो LTC नहीं लेने का फैसला...
'गुजरात और हिमाचल में हारेगी कांग्रेस', PK ने भविष्यवाणी कर 'चिंतन...
ज्ञानवापी मस्जिद में जुमे के दिन उमड़ा नमाजियों का हुजूम, मौलवी ने की...
Weather Forecast: गर्मी से मिलेगी राहत, दिल्ली में तीन दिन आंधी बारिश...
मोदी सरकार की 8वीं वर्षगांठ से पहले बोले PM- संतुलित विकास और गरीबों...
नवजोत सिंह सिद्धू ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दे SC से सरेंडर के लिए...