नई दिल्ली/टीम डिजिटल। असम पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह समेत उसके तीन और साथियों को मंगलवार को उच्च सुरक्षा वाली डिब्रूगढ़ जेल में लाया गया। इन लोगों को मिला कर 19 मार्च के बाद से अमृतपाल सिंह के ‘वारिस पंजाब दे' (डब्ल्यूपीडी) से जुड़े सात सदस्यों को यहां लाया जा चुका है।
हरजीत सिंह को मंगलवार तड़के डिब्रूगढ़ लाया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुलवंत सिंह धालीवाल और गुरिंदर पाल सिंह नामक डब्ल्यूपीडी के दो सदस्यों को दिल्ली से एक विमान से आज यहां लाया गया और बाद में कड़ी सुरक्षा के बीच डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार ले जाया गया। हरजीत को विमान से असम तब लाया गया जब एक दिन पहले सोमवार को उसने पंजाब पुलिस के समक्ष आत्म समर्पण किया था।
अधिकारी ने बताया कि सात सुरक्षा वाहनों के काफिले में हरजीत सिंह को गुवाहाटी हवाई अड्डे से डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार लाया गया जहां सुबह सात बजकर 10 मिनट पर उसे जेल भेजा गया। अधिकारियों के अनुसार, ‘वारिस पंजाब दे' के खातों को संभालने में अमृतपाल की मदद करने वाला हरजीत सिंह उन पांच लोगों में शामिल है, जिनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
रासुका के तहत ऐसे किसी भी व्यक्ति को एहतियाती तौर पर हिरासत में लेने की अनुमति होती है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा या लोक व्यवस्था के लिए खतरा होता है। इससे पहले रविवार को डब्ल्यूपीडी के चार सदस्यों को डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार लाया गया था। पंजाब सरकार ने शनिवार को अमृतपाल के संगठन पर बड़ी कार्रवाई शुरू की थी। अमृतपाल कई आपराधिक मामलों में वांछित है। डब्ल्यूपीडी के चार सदस्यों में दलजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह, गुरमीत सिंह और ‘प्रधानमंत्री' बाजेका शामिल हैं।
डिब्रूगढ़ में मोहनबाड़ी हवाई अड्डे पर भारी सुरक्षा बल तैनात हैं जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि डब्ल्यूपीडी के और सदस्यों को करीब 2,500 किलोमीटर दूर स्थित पंजाब से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा शासित राज्य में लाया जा सकता है। अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और उसके वाहन चालक हरप्रीत सिंह ने रविवार देर रात जालंधर के मेहतपुर इलाके में एक गुरुद्वारे के पास आत्मसमर्पण कर दिया था। आत्मसमर्पण के समय पुलिस उप महानिरीक्षक (सीमा क्षेत्र) नरिंदर भार्गव और अन्य पुलिस अधिकारी भी वहां मौजूद थे।
आत्मसमर्पण के दौरान बनाए गए एक वीडियो में, हरजीत को अपनी लाइसेंसी .32 बोर पिस्तौल और सवा लाख रुपये नकदी दिखाते हुए देखा जा सकता है, जिसे वह मर्सिडीज कार में ले जा रहा था। बाद में कार जब्त कर अमृतसर (देहात) पुलिस हरजीत और हरप्रीत को अपने साथ ले गई।
असम के पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत भुइयां ने सोमवार को डिब्रूगढ़ में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। भूइयां ने जानकारियां साझा करने से इनकार करते हुए कहा, ‘‘ये राज्य की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील मामले हैं।'
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