नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। जम्मू- कश्मीर प्रशासन ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के बेटे और आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में आरोपी बिट्टा कराटे की पत्नी सहित चार कर्मचारियों को शनिवार को बर्खास्त कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। कराटे इस समय जेल में है और उसपर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर जानलेवा हमले करने का आरोप है।
अधिकारियों ने बताया कि चारों कर्मचारियों को भारत के खिलाफ काम करने वाली ताकतों से कथित संपर्क रखने और दुष्प्रचार करने के आरोप में बर्खास्त किया गया है। उन्होंने बताया कि चारों कर्मचारियों को संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत बर्खास्त किया गया है जिसमें सरकार को बिना किसी जांच के अपने कर्मचारी को निष्कासित करने की शक्ति प्राप्त है।
उन्होंने बताया कि बर्खास्त सैयद अब्दुल मुईद उद्योग एवं वाणिज्य विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी प्रबंधक था। वह पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन का बेटा है। मुईद सलाहुद्दीन का तीसरा बेटा है जिसे सरकारी नौकरी से बर्खास्त किया गया है। पिछले साल सैयद अहमद शकील और शाहिद युसुफ को भी बर्खास्त किया गया था। अधिकारियों के मुताबिक मुईद की पम्पोर के सेमपोरा स्थित ‘जम्मू-कश्मीर एन्टरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट’ (जेकेईडीआई) परिसर पर तीन हमलों में कथित भूमिका पाई गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे इस समय आतंकवाद वित्तपोषण मामले में न्यायिक हिरासत में है। उसकी पत्नी अस्सबाह-उल-अर्जमंद खान जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा की वर्ष 2011 बैच की अधिकारी थी और उसे पासपोर्ट के लिए गलत सूचना देने में संलिप्त पाया गया। अधिकारियों ने बताया कि खान का कथित तौर पर ‘विदेशी लोगों से संपर्क था जिन्हें भारतीय सुरक्षा बलों और खुफिया विभाग द्वारा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वालों के तौर पर सूचीबद्ध किया गया था।’
उन्होंने बताया कि खान जम्मू-कश्मीर में भारत विरोधी गतिविधियों के लिए धन को एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाने में भी कथित तौर पर संलिप्त थी। बिट्टा कराटे आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में वर्ष 2017 से ही दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। वह वर्ष 1990 की शुरुआत में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हुई हत्या मामले में भी संलिप्त है।
सरकार ने कश्मीर विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस परास्नातक विभाग में वैज्ञानिक डॉ . मुहीत अहमद भट को भी बर्खास्त कर दिया है। अलगाववादियों और आतंकवादियों के एजेंडे को विश्वविद्यालय में प्रसारित करने में उनकी कथित संलिप्तता पाई गई है।
कश्मीर विश्वविद्यालय में वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक (सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर) माजिद हुसैन कादरी को कथित तौर पर लंबे समय से प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा सहित आतंकवादी संगठनों से संबंध होने के आरोप में बर्खास्त किया गया है। इससे पहले भी माजिद पर जन सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। गौरतलब है कि जम्मू- कश्मीर में अबतक करीब 40 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है।
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