Friday, Sep 29, 2023
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Action in Ghaziabad after Bhadohi fire

भदोही अग्निकांड के बाद गाजियाबाद में एक्शन, दुर्गा पूजा पंडालों में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की पड़ताल

  • Updated on 10/4/2022

नई दिल्ली/टीम डिजीटल। भदोही अग्निकांड के बाद गाजियाबाद में सरकारी तंत्र को हरकत में आना पड़ा है। अग्निशमन विभाग की टीमों ने दुर्गा पूजा पंडालों और रामलीला स्थलों पर फोकस किया है। वहां अग्नि सुरक्षा व्यवस्था को जांचा-परखा जा रहा है। इन स्थलों पर आयोजकों एवं श्रद्धालुओं को सुरक्षा संबंधी जरूरी बिंदुओं पर जागरूक किया गया है। 

आग लगने की स्थिति में उन्हें अपना बचाव करने के तरीकों से अवगत कराया गया है। धार्मिक आयोजन स्थलों पर आवश्यक व्यवस्थाएं दुरूस्त किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। यूपी के भदोही जनपद में 2 अक्तूबर की रात दुर्गा पूजा पंडाल में भीषण आग लगने से 5 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। जबकि 60 से ज्यादा नागरिक झुलस गए थे। 

भदोही अग्निकांड पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी संज्ञान लिया। सीएम ने सभी धार्मिक आयोजन स्थलों पर आग से बचाव के पर्याप्त संसाधन सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। इसके मद्देनजर गाजियाबाद में भी अग्निशमन विभाग एकाएक एक्शन मोड में आ गया है। 

एसएसपी मुनिराज जी. के निर्देश पर अग्निशमन विभाग की टीमें सक्रिय हो गई हैं। अग्निशमन अधिकारी अब दुर्गा पूजा एवं रामलीला स्थलों पर जाकर अग्नि सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं। जिन दुर्गा पूजा पंडालों में प्राथमिक अग्निशमन उपकरण नहीं हैं, वहां यह उपकरण रखवाए गए हैं। आयोजकों को इन उपकरणों का इस्तेमाल करने की जानकारी दी गई है। 

आयोजकों एवं श्रद्धालुओं को आग लगने पर आग बुझाने एवं अपना बचाव करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रत्येक दुर्गा पूजा पंडाल एवं रामलीला स्थल पर अग्नि सुरक्षा उपकरण की व्यवस्था पर जोर दिया गया है। आपात स्थिति में विभाग को तत्काल सूचना देने की अपील की गई है। 

उधर, गाजियाबाद शहर में घंटाघर, कविनगर, राजनगर, पुराना विजय नगर, सुंदरपुरी, प्रताप विहार, ब्रज विहार, लाजपत नगर, शालीमार गार्डन, वसुंधरा, वैशाली, कौशाम्बी, इंदिरापुरम इत्यादि में रामलीला महोत्सव एवं दुर्गा पूजा का कार्यक्रम हो रहा है। 

आयोजन से पहले अग्निशमन विभाग से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना अनिवार्य है। नियमानुसार विद्युत विभाग एवं अग्निशमन विभाग को एनओसी जारी करने के उपरांत मौके पर जाकर नियमित रूप से जांच करनी चाहिए, मगर ऐसा नहीं होता है।
 

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