Wednesday, Mar 29, 2023
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aftab used to grind shrada''''''''''''''''s body in grinder and throw it on the road

श्रद्धा के शरीर के टुकड़ों को ग्राइंडर में पीसकर सड़क पर फेंकता था आफताब

  • Updated on 2/8/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बहुचर्चित श्रद्धा मर्डर केस में श्रद्वा की हत्या बड़ी बेदर्दी से की गई थी। हत्या के बाद कातिल आफताब पूनावाला ने उसके शव को शव को पैट्रोल से जला दिया था। सबूतों को मिटाने के लिये उसने दर्जनों हड्डियों को ग्राइंडर में पीसकर पाउडर बना दिया था। हड्डियों के पाउडर को समय समय पर पॉलिथिन में डालकर सडक़ पर फैंक दिया करता था।

जबकि कुछ हड्डियों को उसने कई जगह जिसमें महरौली का जंगल भी शामिल था। वहां पर ठिकाने लगा दिया था। ये खुलासा दिल्ली पुलिस की पेश की गई चार्जशीट में किया गया है। दिल्ली पुलिस ने इस चर्चित केस की जांच महज 75 दिनों में पूरी की है।

दूरियों को कम करने के लिये पिछले साल मार्च में ट्रिप पर भी गए

चार्जशीट में दावा किया गया कि श्रद्धा और आफताब में छोटी छोटी बातों को लेकर रिश्ते खराब होने लगे थे। रिश्तों को एक बार फिर से संवारने के लिये दोनों ने ट्रिप का प्लान किया। 28-29 मार्च 2022 को मुंबई से निकलकर हरिद्वार पहुंचे। ऋषिकेश, देहरादून, मसूरी, मनाली और चंडीगढ़ घूमते हुए पार्वती वैली पहुंचे।

पार्वती वैली पर बबल एप के जरिये बद्री नाम के लडक़े से दोस्ती हुई। बद्री ने दोनों को दिल्ली आने का न्यौता दिया। पांच मई को दोनों बद्री के घर छत्तरपुर पहाड़ी पहुंचे। बद्री के घर करीब आठ से दस दिन रूके थे। वहां पर भी दोनों के छोटी छोटी बातों पर झगड़ होने नहीं रूके थे। दोनों में ब्रेकअप हो गया। इस कारण से ही ब्रदी ने दोनों को घर से जाने के लिये कहा था। 16 मई हो राहुल रॉय नामक ब्रोकर की सहायता से छत्तरपुर पहाड़ी पर ही किराये पर घर ले लिया।

फोन मुंबई में डिस्पोज किया

चार्जशीट में भी कहा गया है कि आफताब ने श्रद्धा का फोन मुंबई में डिस्पोज किया था। पिछले साल के अंत में हुए पॉलीग्राफ और नार्को-एनालिसिस टेस्ट में आफताब ने कथित रूप से हत्या की बात स्वीकार की है।

18 मई को श्रद्वा की छाती पर बैठकर मार डाला था

दोनों के पास नौकरी थी नहीं ट्रिप पर सारा पैसा खर्च हो गया था। 18 मई को श्रद्धा ने आफताब को किराए के घर वसई से जाकर घर का सामान लाने के लिये कहा था। जिसको तबीयत खराब होने के कारण मना कर दिया था। श्रद्धा ने गुस्से बोला कि रोज रोज बाजार का खाना खाने से तबीयत खराब होनी ही है। बहसबाजी के बीच दोनों में गाली गलौच होने लगी। आफताब ने उसी दिन श्रद्धा से छुटकारा पाने की ठान ली थी। श्रद्धा से हाथापाई होने पर उसने श्रद्धा को फर्श पर गिरा दिया और छाती पर बैठ गया। उसका गला दिया,जब तक उसकी सांसें बंद नहीं हो गई।

टूकड़े करने के लिये जो चाकू लाया,उसी चाकू से टैटू पर कट लगा था

शव को पूरा वह ठिकाने नहीं लगा सकता था। पहले उसने शव को बाथरूम में छिपा दिया। टूकड़े करने के लिये अगले ही दिन उसने मंदिर वाली 60 फूटा रोड छत्तरपुर पहाड़ी से एक हार्डवेयर की दुकान से एक हैमर, एक आरी और उसकी तीन ब्लेड खरीदे।

पीठ पर बैग टांगकर जब वह घर की तरफ जा रहा था,बैग में रखे चाकू की नोंक सीधे हाथ में बने टैटू पर लग गई, जिससे उसके खून बहने लगा। उसने इलाके के डाक्टर से कट पर पांच टांके लगवाए थे। घर आकर उसको लगा कि शव रखने से बदबू आ सकती है। इसके लिये उसने 25 हजार रुपये में फ्रीज खरीदा था। उसी दिन फ्रीज भी आ गया था। उसी दिन उसने शव के टूकड़े किये और फ्रीज में रख दिये थे। खून साफ करने के लिए शॉपिंग एप से टायलट क्लीनर, ब्लीच, हैंडवॉश और बाकी सामान खरीदा,जिससे उसने खून साफ करके सबूत मिटा दिये थे।

जब ब्रीफकेस से डेड बॉडी ठिकाने लगाने की योजना फेल हो गई तब........

20 मई को शव के टूकड़ों को ठिकाने लगाने के लिये उसने बाजार से ही लाल रंग का ब्रिफकेस खरीदा था। उसमें टूकड़े भी रखे,लेकिन ब्रिफकेस का वजन काफी ज्यादा होने पर उसने इस प्लान को छोड़ दिया। उसने छोटे-छोटे टुकड़े जंगल में अलग-अलग जगह पर फेंकने की योजना बनाई। उसने टुकड़ों को पेट्रोल से जलाया।

कई हड्डियों को ग्राइंडर में पीसकर पाउडर बना डाला। 100 फुटा सडक़ पर काफी दूरी तक डाल दिया। जबकि कुछ पार्ट पॉलिथीन में डालकर 60 फुटा रोड छत्तरपुर पहाड़ी पर रखे एक डस्टबिन में डाल दिए। इसी तरह से कुछ छत्तरपुर पहाड़ी के श्मशान घाट के पास वाले जंगल, रेन बसेरा उत्तरपुर एन्क्लेव के पीछे जंगल, गुरुग्राम की तरफ जाने वाले एमजी रोड और छत्तरपुर पहाड़ी के पास जंगल में फेंका दिया था। वारदात के करीब तीन चार महीनों बाद श्रद्धा के सिर को छत्तरपुर एन्क्लेव के जंगल में फैंक दिया था।

जिस दिन मारा उसी दिन श्रद्धा के खाते से निकाले थे 54 हजार रुपये

जिस दिन श्रद्धा की हत्या की थी। उसी दिन आफताब ने उसके मोबाइल फोन से अपने अकाउंट में 54000 रुपये दो बार में ट्रान्सफर किये थे। असल में श्रद्धा की हत्या करने के बाद आफताब ने श्रद्धा का इंस्टाग्राम अपने फोन में लॉगिन कर लिया था,जिससे श्रद्धा बनकर उसके दोस्त लक्ष्मण को रिप्लाई भी किया था। उसने एक नया फोन खरीदकर एक्सचेंज ऑफर में अपना फोन बेच भी दिया था।

जून के पहले वीक में मुंबई में आफताब अपने वसई वाले किराये के मकान से सामान लाने गया था। इस बीच उसने श्रद्धा के होठों पर लगा हुआ स्टड व उसका एक मोबाइल फोन एक डिब्बे में डालकर मुम्बई की मीरा रोड इलाके में चलती ट्रेन से माणिकपुर पुलिस के पास जाते समय फेंक दिया था। वापस आते हुए श्रद्धा का एक अन्य फोन कहीं गायब हो गया था। जब वह वापिस छत्तरपुर पहाड़ी आया। उसे महाराष्ट्र पुलिस ने श्रद्धा के बारे में पूछताछ करने के लिए बुलाया था।

फ्रिज में पड़े थे श्रद्धा के शव,उसी समय आफताब की गर्लफ्रेंड भी थी उसी घर में- पुलिस

दिल्ली पुलिस के दावों की मानें तो आरोपी आफताब अमीन पूनावाला एक ऐप बम्बल के जरिये कई लड़कियों को डेट करता था। उसमें से एक को वह उसी घर में लेकर गया था,जहां पर श्रद्धा के शव के टूकड़ों को फ्रिज में रखा हुआ था। पुलिस का दावा है कि श्रद्धा काफी पहले से डर के साये में जी रही थी। वह उससे छुटकारा पाना चाहती थी। अपनी जान का खतरा महसूस कर रही थी। लेकिन वह किसी को बता नहीं पाई थी।

- कत्ल के बाद आफताब ने ब्लो टॉर्च से जलाए श्रद्धा के बाल और चेहरा

- श्रद्धा का इंस्टाग्राम अकाउंट उसके मोबाइल फोन में लॉग इन था। उसने ही श्रद्धा बनकर उसके दोस्त लक्ष्मण नाडर के मैसेज का इंस्टाग्राम पर ही रिप्लाई किया था

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