नई दिल्ली। टीम डिजिटल। जब हमारे देश के मुखिया बोलते हैं कि बच्चे देश का भविष्य हैं और परीक्षा पर चर्च आप करते हैं पर आप जेजे एक्ट 2015 अमेंडमेंट होना धारा 86 में बदलाव की राजस्थान कड़े शब्दों में निंदा करता है। जब बच्चे ही सुरक्षित नहीं होंगे तो देश का विकास कैसे होगा। उक्त विचार राजस्थान स्टेट कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राईट्स की चेयरपर्सन संगीता बेनिवाल ने रखा। दरअसल दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) की ओर से बुधवार को जुवैनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन) अमेंंडमेंट एक्ट 2021 पर परिचर्चा का आयोजन किया था। इस परिचर्चा में बतौर मुख्य अतिथि सांसद संजय सिंह व मनोज झा, विधायक आतिशी, सुप्रीमकोर्ट की एडवोकेट वृंदा ग्रोवर, बंगाल एससीपीसीआर की चेयरपर्सन अनन्या चक्रवर्ती ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीसीपीसीआर के चेयरपर्सन अनुराग कुंडू ने की। हर्ष मंदर के चैप्टर पर एनसीपीसीआर ने भेजा एनसीईआरटी को नोटिस
संशोधन में बदलवा जरूरी : संजय सिंह इस मौके पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सांसद संजय सिंह ने कहा कि पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने और बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों की स्वत: जांच पर रोक लगाने वाला संशोधन अधिनियम विनाशकारी है और भारत सरकार द्वारा इसे तुरंत ठीक किया जाना चाहिए। मैंने इस संबंध में राज्यसभा में एक निजी सदस्य विधेयक पेश किया है और मुझे उम्मीद है कि मेरे विधेयक के मुद्दे पर बहस जरूर होगी। वहीं आतिशी ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से ईमानदारी से किशोर न्याय अधिनियम में संशोधन करने की अपील करती हूं, बच्चों के खिलाफ सभी गंभीर अपराधों को संज्ञेय बनाया जाना चाहिए।
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