Sunday, Oct 01, 2023
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CBI asks to withdraw order granting interim protection from arrest to Sameer Wankhede

समीर वानखेड़े को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने वाले आदेश को CBI ने वापस लेने कहा

  • Updated on 6/7/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बंबई उच्च न्यायालय से एनसीबी के मुंबई जोन के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने वाला आदेश वापस लेने का अनुरोध किया है और कहा है कि पहली नजर में उनके खिलाफ वसूली और रिश्वतखोरी का मामला बनता है।

वानखेड़े के खिलाफ यह मामला एक क्रूज से कथित रूप से मादक पदार्थ जब्ती के बाद अभिनेता शाहरुख खान के पुत्र आर्यन खान की गिरफ्तारी से जुड़ा है। सीबीआई ने आर्यन खान को मादक पदार्थों से जुड़े मामले में नहीं फंसाने के एवज में कथित रूप से 25 करोड़ रुपये की मांग करने को लेकर वानखेड़े और चार अन्य लोगों के खिलाफ पिछले महीने प्राथमिकी दर्ज की थी।

वानखेड़े उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने और किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से बचाव का अनुरोध लेकर उच्च न्यायालय पहुंच गए थे। उच्च न्यायालय की अवकाश पीठ ने पिछले महीने वानखेड़े को अंतरिम राहत दिया था और उन्हें जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था। सीबीआई ने वानखेड़े की याचिका के जवाब में दो जून को हलफनामा दायर किया और अदालत से उनको मिली अंतरिम राहत वापस लेने तथा याचिका खारिज करने का अनुरोध किया।

एजेंसी ने कहा, ‘‘सीबीआई के पास पहली नजर में मामला बनता है और किसी भी प्रकार का अंतरिम राहत दिए जाने से जांच पर प्रतिकूल प्रभाव होगा। इसलिए, ससम्मान अनुरोध किया जाता है कि याचिकाकर्ता (वानखेड़े) को गिरफ्तारी से प्राप्त अंतरिम राहत को वापस लिया जाए।'' सीबीआई ने अपने हलफनामे में कहा कि उसने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा 11 मई, 2023 को जारी लिखित शिकायत के आधार पर वानखेड़े के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

हलफनामे में कहा गया है, ‘‘सीबीआई को प्राप्त लिखित शिकायत में दंडनीय अपराध होने की बात कही गई है इसलिए समीर वानखेड़े के खिलाफ सामान्य मामला दर्ज किया गया है।'' हलफनामे में कहा गया है, ‘‘प्राथमिकी में उल्लिखित आरोप गंभीर और संवेदनशील प्रकृति के हैं और यह एनसीबी के तत्कालीन सरकारी अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार, आपराधिक षड्यंत्र और धमकी देकर वसूली से जुड़े हैं।''

सीबीआई ने कहा कि मामले की जांच अभी शुरुआती दौर में है और जांच ‘‘निष्पक्ष तथा पेशेवर तरीके'' से की जा रही है। एजेंसी ने कहा कि मामले को खारिज करने से पहले अदालत के लिए वानखेड़े के खिलाफ लगे आरोपों की गंभीरता पर विचार करना आवश्यक है। सीबीआई ने कहा, ‘‘प्राथमिकी दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों में तभी रद्द की जा सकती हैं जबकि आरोपी के खिलाफ संज्ञेय अपराध का मामला नहीं बनता हो।'' उच्च न्यायालय बृहस्पतिवार को वानखेड़े की याचिका पर सुनवाई कर सकता है। 

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