नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सेना और मणिपुर पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान के दौरान राज्य में जुलाई में लापता हुए दो किशोर छात्र छात्रा की हत्या के सिलसिले में रविवार को चार लोगों को हिरासत में लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि संघीय एजेंसी ने घटना के सिलसिले में चूराचांदपुर जिले से दो पुरुषों और दो महिलाओं को हिरासत में लिया है। अधिकारियों ने कहा कि एक आरोपी के दो किशोर बच्चों को भी चारों के साथ मणिपुर से बाहर ले जाया गया है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को उनके रिश्तेदारों को सौंपे जाने की संभावना है। अधिकारियों ने कहा कि हिरासत में लिए गए चार लोगों से पूछताछ की जाएगी और उन्हें गिरफ्तार किए जाने की संभावना है। एक युवक और एक युवती छह जुलाई को लापता हो गए थे। उनके शवों की तस्वीरें 25 सितंबर को सामने आईं।
इसके बाद, 26 और 27 सितंबर को छात्रों के हिंसक विरोध प्रदर्शन ने राज्य की राजधानी को हिलाकर रख दिया। भीड़ ने 28 सितंबर की रात को मुख्यमंत्री के पैतृक घर पर हमला करने की कोशिश की थी, जिसे सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया था।
सीबीआई, एनआईए ने मणिपुर में ज्यादती के आरोपों का किया खंडन राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को कहा कि मणिपुर में प्रत्येक गिरफ्तारी जांच टीम द्वारा एकत्र किए गए सबूतों पर आधारित है। एनआईए और सीबीआई का यह बयान ऐसे समय में आया है जब आदिवासी समूह मणिपुर में एनआईए और सीबीआई पर मनमानी और ज्यादती करने का आरोप लगा रहे हैं। केंद्रीय एजेंसियों ने कहा कि जातीय आरोप वाले माहौल में यहां काम कर रहे एनआईए और सीबीआई के अधिकारियों को 2015 में सेना के जवानों पर हुए हमलों सहित विभिन्न मामलों में जांच पूरी करने के कठिन काम का सामना करना पड़ रहा है। इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फ्रंट (आईटीएलएफ) द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए दोनों एजेंसियों के अधिकारियों ने कहा कि किसी भी समुदाय, धर्म या संप्रदाय के खिलाफ कोई पक्षपात नहीं किया गया है और केवल भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की नियम पुस्तिका का पालन किया गया है। आईटीएलएफ मणिपुर पहाड़ियों के कुकी-ज़ो समुदाय का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है।
अधिकारियों ने हाल ही में एक आदिवासी सेमिनलुन गंगटे की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा कि वह 21 जून को बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा इलाके में हुए एसयूवी विस्फोट मामले में मुख्य आरोपियों में से एक है। इस विस्फोट में तीन लोग घायल हुए थे। अधिकारियों के मुताबिक अदालत से उसकी ट्रांजिट रिमांड हासिल करने के बाद उसे नयी दिल्ली लाया गया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में आरोपी को एक निर्दिष्ट अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उसे एनआईए की हिरासत में भेज दिया। अधिकारियों ने कहा कि उचित कानून का पालन किया जा रहा है और आतंकवाद निरोधी एजेंसी द्वारा एकत्र किए गए सबूत सक्षम अदालत के समक्ष रखे जाएंगे।
उन्होंने कहा कि केवल जांच को पटरी से उतारने और आम जनता के बीच भ्रम पैदा करने के लिए ही आधारहीन आरोप लगाए जा रहे हैं। एनआईए ने 22 सितंबर को मोइरांगथेम आनंद सिंह को एक अलग मामले में इंफाल से गिरफ्तार किया था। सिंह को चार अन्य लोगों के साथ मणिपुर पुलिस ने पुलिस शस्त्रागार से लूटे गए हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
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