नई दिल्ली/टीम डिजिटल। झारखंड उच्च न्यायालय ने धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच पर शनिवार को फिर सवाल उठाए और पूछा कि न्यायाधीश की हत्या के प्रत्यक्ष प्रमाण सीबीआई के पास हैं, तो आखिर उसके पीछे के मकसद का पता कब चलेगा?
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झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की पीठ ने सीबीआई की ओर से दाखिल स्थिति रिपोर्ट का शनिवार को अवलोकन किया और कहा कि सीबीआई की रिपोर्ट में यह कहा जाना बहुत महत्वपूर्ण है कि आरोपियों के खिलाफ न्यायाधीश की हत्या के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं और उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत सजा दी जा सकती है लेकिन क्या बिना उद्देश्य (मोटिव) के किसी को धारा 302 के तहत सजा दिया जाना संभव है?
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सीबीआई ने लगातार इस बात पर जोर दिया कि जांच अभी जारी है और सीबीआई मामले की तह तक जाने के लिए अन्य नए वैज्ञानिक तरीके अपना रही है ताकि षड्यंत्र का खुलासा किया जा सके। जांच एजेंसी ने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि बड़े षड्यंत्र का खुलासा करने में समय लगता है। फिलहाल अभी जांच का अंत नहीं हुआ है। सीबीआई की ओर से समयावधि को देखते हुए आरोपपत्र दाखिल किया गया है ताकि आरोपियों को जेल में रखा जा सके और उनसे पूछताछ करके नए तथ्यों एवं प्रमाणों पर काम किया जा सके।
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अतिरिक्त महाधिवक्ता राजीव सिन्हा ने सीबीआई का पक्ष रखते हुए कहा कि सीबीआई इस को लेकर पूरी तरह से विश्वस्त है कि इस मामले का जल्द खुलासा कर लिया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सीबीआई भले ही इस मामले के खुलासे को लेकर विश्वस्त हो लेकिन पीठ का विश्वास डगमगा गया है। सीबीआई इस मामले में अभियोजन की तरह सोच रही है लेकिन अदालत एक न्यायाधीश की तरह सोच रही है कि जब उसके सामने यह मामला जाएगा तो बिना किसी कारण, बिना किसी मंशा के हत्या कर देना कैसे साबित होगा?
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उच्च न्यायालय ने सीबीआई से यह भी पूछा कि जब हत्या में शामिल ऑटो चालक और उसके सहयोगी की न्यायाधीश से कोई दुश्मनी नहीं थी तो वह उनकी हत्या क्यों करेंगे? अदालत ने सीबीआई से इस मामले में हत्या के मकसद का जल्द से जल्द पता लगाने को कहा और कहा कि उसने पहले ही कहा था कि इस घटना का खुलासा जल्द हो अन्यथा समय बीतने पर कडिय़ों को जोडऩा मुश्किल हो जायेगा। मामले में अब अगले सप्ताह सुनवाई होगी।
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गौरतलब है कि धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की एक ऑटो चालक लखन वर्मा ने अपने सहयोगी राहुल वर्मा के साथ 28 जुलाई को सुबह की सैर के दौरान टक्कर मार कर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड की जांच सीबीआई कर रही है।
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