Thursday, Jun 01, 2023
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cheated of 250 crores through power bank app prepared with chinese help one arrested prshnt

चीनी मदद से तैयार ‘पावर बैंक एप’ के जरिए 250 करोड़ की ठगी, एक सदस्य को नोएडा से दबोचा

  • Updated on 6/10/2021

देहरादून/ ब्यूरो: उत्तराखंड पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने  ‘पावर बैंक’ एप के जरिए करीब 250 करोड़ की धोखाधड़ी किए जाने का मामला पकड़ा है। इसमें यूपी के नोएडा से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ के अनुसार, ठगी में चीन समेत कई देशों में बैठे साइबर ठगों का हाथ होने की जानकारी सामने आई है। बताया गया है कि चीन के साइबर ठगों ने स्टार्टअप योजना के तहत अपने अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के भारत में बैठे सदस्यों की मदद से यह एप बनवाया। जिसके जरिए लोगों को 15 दिन में रकम दोगुनी करने का लालच दिया गया। साथ ही भारतीय खातों का ही इस्तेमाल किया गया। रकम क्रिप्टो करेंसी के जरिए बाहर भेजी गई। एसटीएफ ने इस पूरे मामले में रॉ और इंटेलिजेंस ब्यूरो से भी जानकारी साझा की जा रही है। आरोपियों से संबंधित दूतावासों से भी संपर्क किया जा रहा है।

मंगलवार शाम एडीजी अभिनव कुमार ने बताया कि हरिद्वार के श्यामपुर निवासी रोहित कुमार और कनखल निवासी राहुल कुमार गोयल ने साइबर पुलिस को शिकायत दी थी। इसमें बताया गया कि उनसे प्ले स्टोर से एप डाउनलोड कराकर 91 हजार 200 और 73 हजार रुपये जमा कराकर साइबर ठगी कर ली गई। एडीजी के अनुसार, जांच में पता चला कि हर रोज करोड़ों का लेन-देन बैंक खातों में किया जाता है। एक खाते का संचालन इस गिरोह का सदस्य पवन कुमार पांडेय पुत्र बनवारी पांडेय निवासी सी-7 एचआईजी फ्लैट, ग्रीन व्यू अपार्टमेंट सेक्टर-99 (नोएडा) कर रहा था, जिसे धर-दबोचा गया।

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हर रोज करोड़ों का लेनदेन
चीन की मदद से तैयार किए गए एप के जरिए की गई करोड़ों की साइबर ठगी के मामले में उत्तराखंड एसटीएफ ने नोएडा से एक गिरफ्तारी की है। एडीजी अभिनव कुमार ने बताया कि जांच के दौरान यह बात सामने आई कि हर रोज करोड़ों का लेन-देन बैंक खातों में किया जाता है। एक बैंक खाते का संचालन पवन कुमार पांडेय निवासी नोएडा (यूपी) कर रहा था। पावर बैंक एप का फरवरी-2021 से 12 मई-2021 तक संचालन हुआ। संभावना है कि करीब 50 लाख लोगों ने इस एप को डाउनलोड किया। एसटीएफ की टीमों को यूपी और दिल्ली-एनसीआर भेजा गया। नोएडा में इस गिरोह के सदस्य पवन कुमार पांडेय पुत्र बनवारी पांडेय निवासी सी-7 एचआईजी फ्लैट, ग्रीन व्यू अपार्टमेंट सेक्टर-99 को धर-दबोचा गया।

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ये अपनाया जाता था तरीका
एडीजी के अनुसार, जांच में सामने आया कि विदेशी बिजनेसमैन भारत में कुछ निवेशकों से दोस्ती कर उन्हें अलग-अलग व्यापार के नाम पर अपने साथ कमीशन देकर जोड़ते हैं। रिचार्ज या पैसा दोगुना करने का लालच देकर निवेश करवाते हैं। भारतीयों के ही बैंक खाते, मोबाइल नंबर आदि का इस्तेमाल इस पूरे गोरखधंधे में किया जाता है। शुरू में कुछ व्यक्तियों को पैसे वापस भी किया जाता है, जिससे सोशल मीडिया के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध पूरे देश मे फैल सके। करोड़ों रुपये एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर कर पुलिस को भ्रमित करने का प्रयास किया जाता है।

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क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेश में भेजी जाती है रकम
फर्जी तरीके अपनाकर रकम क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेशों में भेजी जा रही थी। रकम को स्थानीय मुद्रा में बदल दिया जाता है। भारत के पैसे को अन्य राष्ट्र की मुद्रा में परिवर्तित करने का संगठित अंतरराष्ट्रीय गिरोह चल रहा है।  इस तरह के प्रकरण में 20 अन्य शिकायतें मिल चुकी हैं। आरोपी के पास से 19 लैपटॉप, 592 मोबाइल सिम, 5 मोबाइल फोन, 4 एटीएम कार्ड और पासपोर्ट बरामद किया गया।

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