नई दिल्ली/संजीव शर्मा। मुरादनगर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कारोबारियों, व्यापारियों व राजनेताओं में आतंक, खौफ और दहशत का पर्याय बन चुके 50 हजार रुपए के ईनामी बदमाश विशाल उर्फ मोनू को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया। मुरादनगर थाना पुलिस और डीसीपी ग्रामीण जोन की स्वाट टीम से मुरादनगर गंगनहर के किनारे चित्तौड़ा पुल के पास हुई मुठभेड़ में वांछित बदमाश मोनू ठंडा हो गया। जबकि उसका साथी मौके से भागने में कामयाब हो गया। मुठभेड़ में बदमाशों की गोली हाथ में लगने से स्वाट टीम के दो जाबांज पुलिसकर्मी हेड कांस्टेबल अरुण कुमार और टिंकल चौधरी भी घायल हुए हैं। जिन्हें उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। पुलिस ने घटनास्थल से मोनू की बुलेट बाइक, 30 एमएम की पिस्टल, बैग और खोखा कारतूस बरामद किए हैं। पुलिस का कहना है कि बैग में मोनू के ब्रांडेड कपड़े और नशे की दवाइयां मिली हैं।
पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने बताया कि मुरादनगर थानाक्षेत्र में सिलसिलेवार हत्या की घटनाओं को अंजाम देकर क्षेत्र में दहशत व्याप्त करने वाले वांछित अपराधी विशाल उर्फ मोनू निवासी उखलारसी मुरादनगर को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। मोनू और उसके साथियों पर 1 अप्रैल को उखलारसी गांव में विद्युत निगम के ठेकेदार नवीन भारद्वाज और 23 मई को मुरादनगर की रेलवे रोड मार्केट में मोबाइल कारोबारी मुकेश गोयल की हत्या का आरोप है। पुलिस कमिश्नर का कहना है कि नवीन भारद्वाज हत्याकांड में फरारी के दौरान ही मोनू और उसके साथी ने मुकेश गोयल की हत्या कर न सिर्फ क्षेत्र में दहशत फैला दी थी बल्कि, पुलिस के लिए भी खुली चुनौती पेश कर दी थी। मौके से फरार हुए मोनू के साथी की तलाश में कमिश्नरेट पुलिस को सक्रिय कर दिया गया है। चौतरफा चेकिंग कराई जा रही है। साथ ही मुठभेड़ स्थल के आसपास कॉबिंग कर फरार बदमाश की भी तलाश की जा रही है। जल्द ही फरार बदमाश को गिरफ्तार किया जाएगा।
मोनू पर दर्ज हैं हत्या, हत्या के प्रयास व डकैती समेत संगीन अपराध के 13 केस पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने बताया कि मुठभेड़ में ढेर हुए बदमाश मोनू उर्फ विशाल पर गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर के थानों में संगीन अपराधों के 13 केस दर्ज हैं। उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, गैंगस्टर, आम्र्स एक्ट और अपहरण के केस दर्ज मिले हैं। 1 अप्रैल को नवीन भारद्वाज हत्याकांड को अंजाम देने के बाद मोनू फरार चल रहा था। फरारी के कारण उसपर पहले 25 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया गया था। लेकिन मुकेश गोयल हत्याकांड में नाम प्रकाश में आने के बाद 25 मई को मोनू के खिलाफ घोषित ईनाम की राशि बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी गई थी। सीपी का कहना है कि मुकेश हत्याकांड में मोनू के साथ शामिल शूटर अंकित निवासी नूरपुर मसूरी पर भी 50 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया गया है।
तलाश में जुटी थी एसटीएफ व क्राइम ब्रांच समेत पुलिस की कई टीमें पुलिस की मानें तो दो-दो हत्याकांड में वांछित चल रहे 50-50 हजार रुपए के इनामिया बदमाशों को पकडऩे के लिए जहां यूपी एसटीएफ की टीम लगी थी। वहीं, कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच, डीसीपी ग्रामीण की स्वाट टीम और मुरादनगर थाने के प्रभारी मुकेश सोलंकी भी अपनी टीमों के साथ जुटे थे। शुक्रवार को पुलिस को सूचना मिली थी कि मोनू मुरादनगर थानाक्षेत्र स्थित चित्तौड़ा गांव में अपनी बहन के घर आने वाला है। इस सूचना पर पुलिस की टीमें जुट गईं और गंगनहर पर चित्तौड़ा पुल के पास उनका मोनू और उसके साथी से आमना सामना हो गया। बताया गया है कि खुद को घिरता देख मोनू और उसके साथी ने पुलिस टीमों पर फायरिंग कर दी। जिसमें हेड कांस्टेबल अरुण कुमार व टिंकल चौधरी हाथ में गोली लगने से घायल हो गए। जबकि मुरादनगर थाना प्रभारी की बुलेट प्रूफ जैकेट में भी एक गोली लगी। जवाबी फायरिंग में मोनू मारा गया। जबकि उसका साथी भागने में कामयाब हो गया। भागे हुए बदमाश की अभी पहचान नहीं हो सकी है। अंदेशा है कि भागा हुआ बदमाश 50 हजारी अंकित भी हो सकता है।
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