नई दिल्ली/टीम डिजिटल। प्रवर्तन निदेशालय ने उत्तर प्रदेश में बधिर छात्रों और गरीब लोगों के इस्लाम में कथित धर्मांतरण के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से मिली धनराशि का कथित रूप से धनशोधन करने मामले में छह आरोपियों के खिलाफ शुक्रवार को यहां एक अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया।
आरोपपत्र में मोहम्मद उमर गौतम, सलाहुद्दीन, जेड शेख और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी इस मामले में बतौर आरोपी नामजद किये गये हैं। जो इस समय लखनऊ में न्यायिक हिरासत में हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजिंदर सिंह की अदालत में दाखिल आरोपपत्र में ईडी ने तीन संगठनों, इस्लामिक दावा सेंटर, फातिमा चैरिटेबल फाउंडेशन और एएफएमआई चैरिटेबल ट्रस्ट को भी आरोपी बनाया है। मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।
आरोपपत्र के अनुसार एजेंसी तीन करोड़ रूपये की आपराधिक कमाई की जांच कर रही थी। ईडी के विशेष लोक अभियोजक एनके मट्टा द्वारा दाखिल आरोपपत्र में दावा किया गया कि आरोपी बड़े पैमाने पर दूसरे धर्म के लोगों का इस्लाम में धर्मांतरण कराने में शामिल थे।
ईडी ने कहा कि लगभग 1000 गैर.मुस्लिमों का धर्मांतरण कर मुसलमानों से शादी की गई है। ईडी ने कहा कि आरोपी धर्मांतरण के लिए इस्लामिक दावा सेंटर नाम संगठन का संचालन कर रहे थे, जिसे विदेशों से भी राशि प्राप्त हुई।
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