Friday, Sep 22, 2023
-->
court grants interim bail to sengar in unnao rape victim''''s father''''s death case

कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के पिता की मौत के मामले में सेंगर को दी अंतरिम जमानत

  • Updated on 1/19/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में 10 साल की कैद की सजा काट रहे कुलदीप सिंह सेंगर को अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए बृहस्पतिवार को अंतरिम जमानत दे दी। सेंगर को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पहले ही निष्कासित कर चुकी है।

WFI प्रमुख बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद कांग्रेस ने PM मोदी पर साधा निशाना

  •  

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने 27 जनवरी से 10 फरवरी तक सजा को निलंबित कर दिया और कहा कि उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने पहले ही सेंगर को अंतरिम राहत दे दी है और पर्याप्त शर्तें लगाई गई हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 2017 में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार करने के मामले में 16 जनवरी को कुलदीप सिंह सेंगर को अंतरिम जमानत दे चुका है।

विनेश फोगाट ने WFI अध्यक्ष पर लगाया महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप

सेंगर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पी. के. दुबे और वकील कन्हैया सिंघल ने अदालत को बताया कि शादी की रस्में व कार्यक्रम गोरखपुर और लखनऊ में किए जाएंगे। परिवार का पुरुष सदस्य होने के कारण उन्हें तैयारियां करनी हैं। सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद पीड़िता की बहन ने अंतरिम जमानत के लिए दायर याचिका का विरोध किया। अदालत को बताया गया कि नेता की बेटी का सगन 18 जनवरी को था और शादी आठ फरवरी को होनी है।

कई न्यायिक फैसलों में EVM की तारीफ की गई है : मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार

सेंगर की उन्नाव बलात्कार मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका उच्च न्यायालय में लंबित है। उन्होंने निचली अदालत के 16 दिसंबर, 2019 के फैसले को रद्द करने की मांग की है, जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया था। सेंगर ने 20 दिसंबर 2019 के उस आदेश को रद्द करने की भी मांग की है, जिसमें उन्हें ताउम्र कारावास की सजा सुनाई गई थी। सेंगर ने 2017 में लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया था। तब वह नाबालिग थी। उच्चतम न्यायालय के एक अगस्त 2019 को सुनाए आदेश के बाद उत्तर प्रदेश की निचली अदालत से मामला दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया था। 

आईटी नियमों में संशोधन: एडिटर्स गिल्ड ने कहा- अकेले सरकार फर्जी खबरों का निर्धारण नहीं कर सकती 

comments

.
.
.
.
.