नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की हत्या के मामले में महाराष्ट्र के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के प्रयासों के बावजूद जांच की दिशा में वर्ष 2015 से कोई प्रगति या सफलता नहीं दिखी, इसलिए इस मामले की जांच को राज्य के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) को सौंपा जाना चाहिए। पानसरे को 15 फरवरी, 2015 को कोल्हापुर में गोली मार दी गई थी और 20 फरवरी को उनकी मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूॢत र्शिमला देशमुख की खंडपीठ ने तीन अगस्त को निर्देश दिया था कि मामले को सीआईडी के विशेष जांच दल (एसआईटी) से एटीएस को हस्तांतरित किया जाए।
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सोमवार को अपने आदेश में पीठ ने कहा कि एटीएस को मामला हस्तांतरित करने की आवश्यकता थी ताकि वे अपने कोण से जांच को देख सकें। अदालत ने कहा कि एसआईटी को पर्याप्त समय दिया गया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘यह आवश्यक है कि जांच को उसके तार्किक अंत तक ले जाया जाए, ऐसा न करने पर अपराधियों का हौंसला बढ़ेगा।’’ पानसरे के परिवार द्वारा दायर एक याचिका पर उच्च न्यायालय के आदेश के बाद वर्ष 2015 में एक एसआईटी का गठन किया गया था। मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।पिछले महीने, कार्यकर्ता के परिजनों ने एक आवेदन दायर कर जांच को एटीएस को हस्तांतरित करने की मांग की थी, क्योंकि इसने वर्ष 2018 में नालासोपारा (पालघर जिले में) से कुछ लोगों को पकड़ा था, जिन्हें बाद में पानसरे मामले से जोड़ा गया था। इन लोगों को बुद्धिवादी नरेंद्र दाभोलकर, कार्यकर्ता एम एम कलबुर्गी और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से भी जोड़ा गया।
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पीठ ने अर्जी को मंजूर करते हुए कहा कि कॉमरेड पानसरे के परिवार का इंतजार लंबा हो गया है। अदालत ने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि एसआईटी ने कदम उठाए हैं। हालांकि, हमें उक्त जांच में कोई बड़ी प्रगति नहीं मिली है। एसआईटी के अधिकारियों के प्रयासों के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है।’’ पीठ ने एटीएस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) को उसी तर्ज पर अधिकारियों की एक टीम गठित करने का निर्देश दिया जैसा कि पहले एसआईटी ने किया था।
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अदालत ने कहा कि उक्त एटीएस टीम में कुछ एसआईटी अधिकारियों को शामिल किया गया है जो उक्त मामले की जांच कर रहे हैं और अब तक की गई जांच के बारे में जानते हैं। अदालत ने निर्देश दिया कि इस तरह की एक टीम एक सप्ताह के भीतर गठित की जाए और फिर मामले की अगली सुनवाई की तारीख 20 अगस्त तय की। अगली सुनवाई के दौरान एडीजी (एटीएस) अदालत को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
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