Sunday, Mar 26, 2023
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निठारी कांड में कोर्ट का बड़ा फैसला, मनिंदर-सुरेंद्र कोली को मिली 'फांसी' की सजा

  • Updated on 7/24/2017

Navodayatimesनई दिल्ली/टीम डिजिटल। नोएडा के एक बहुत ही प्रसिद्ध निठारी कांड में आरोपी मनिंदर सिंह पंदेर और सुरेंद्र काली को फांसी की सजा सुनाई गई है। इससे पहले गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई  कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मनिदंर सिंह पंदेर और सुरेंद्र कोली को दोषी ठहराया था, इसके बाद आज दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। 

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आपको बता दें कि कोर्ट ने कोली को इस मामले में 5 अक्टूबर को दोषी करार दिया था। पूर्व में सीबीआई कोर्ट निठारी कांड के पांच मामलों में भी कोली को मृत्युदंड की सजा सुनाई जा चुकी है। निठारी में रहने वाली एक 25 वर्षीय महिला नंदा देवी 31 अक्टूबर 2006 को अपने पति को घर पर यह कहकर निकली थी कि उसे कोली ने कोठी में झाडू-पोछे के लिए बुलाया है, मगर वह वापस नहीं लौटी।

उसके पति ने उसे संभावित स्थानों पर तलाशा, पर कुछ पता नहीं चला। अगले दिन महिला का पति नोएडा के थाना सेक्टर-20 स्थित निठारी पुलिस चौकी पर गुमशुदगी लिखवाने पहुंचा तो दरोगा सिमरनजीत कौर ने गुमशुदगी नहीं लिखी थी। 5 अक्टूबर को सीबीआई कोर्ट के न्यायाधीश पवन तिवारी ने सुनवाई के बाद कोली को दोषी करार दिया था।

यह है निठारी मामला 

निठारी से एक के बाद एक बच्चे और महिलाओं के लापता होने की सूचना पर नोएडा में तैनात रहे डिप्टी एसपी दिनेश यादव के निर्देशन में पुलिस ने 29 दिसंबर 2006 को निठारी कांड का खुलासा करते हुए सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंधेर को गिरफ्तार किया था।

पूछताछ के दौरान कोली ने महिला और बच्चों की हत्या का जुर्म कबूला था। पुलिस ने नोएडा सेक्टर 31 स्थित मोनिंदर सिंह पंधेर की कोठी से बच्चों के कपड़े, जूते, चप्पल और कोठी के पीछे नाले से बच्चों के कंकाल और हड्डी बरामद की थी।

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सीबीआई ने कोली के खिलाफ 19 केस रजिस्टर्ड किए थे। साक्ष्य नहीं मिलने पर तीन केसों में सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट लगाकर केस बंद कर दिए थे। 

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