बांग्लादेश से दुनिया के अन्य हिस्सों में कार्गो ट्रांसशिपमेंट आने व जाने की लागत अन्य मार्गों की तुलना में काफी कम - दिल्ली एयरपोर्ट पर 1.8 मिलियन टन कार्गो हैंडलिंग क्षमता के साथ कार्गो ट्रांसशिपमेंट का काम शुरू - ट्रांसशिपमेंट के नए मार्ग से बांग्लादेश के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मिलेगा बढ़ावा नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली एयरपोर्ट को कार्गो ट्रांसशिपमेंट हब बनाने को लेकर भारत सरकार की ओर से अनुमति प्रदान कर दी गई है। इसके तहत शुक्रवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पहला शिपमेंट दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा। इसे लेकर गत 7 फरवरी, 2023 को दिल्ली एयरपोर्ट ऑपरेटर दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट (डायल) को बांग्लादेश और अन्य वैश्विक गंतव्यों के बीच कार्गो निर्यात करने के लिए कार्गो ट्रांसशिपमेंट हब विकसित करने को लेकर आधिकारिक अनुमति प्रदान की गई थी।
इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय के दैनिक निर्यात में वृद्धि लाना और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। क्योंकि अन्य मार्ग से बांग्लादेश द्वारा यूरोप सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में अपने देश के उत्पाद रेडीमेड गारमेंट्स, हैंडलूम, फुटवियर, लेदर उत्पादों, जूट उत्पादों और फार्मास्यूटिकल्स को भेजने में काफी अधिक लागत लगता है। वहीं दिल्ली में कार्गो ट्रांसशिपमेंट के आरंभ होने से इस लागत में कई गुणा कमी आ जाएगी। डायल की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार पांच मार्च को नई दिल्ली से यह शिपमेंट स्पेन भेजा जाएगा। आईजीआई एयरपोर्ट की संचालक एजेंसी डायल को भारत सरकार ने इस बात की स्वीकृति प्रदान कर दी है कि वह बांग्लादेश से आए शिपमेंट को दुनिया के अलग-अलग गंतव्यों तक पहुंचाने के दौरान ट्रांसशिपमेंट हब (शिपमेंट के एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के दौरान मध्यस्थ स्थान) की भूमिका अदा कर सकती है।
डायल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा कि इससे दिल्ली एयरपोर्ट को दुनिया के कार्गो हब के रूप में स्थापित करने में काफी मदद मिलेगी। डायल अधिकारियों का कहना है सरकार द्वारा मिली इस अनुमति से काफी फायदा होने की उम्मीद है। बांग्लादेश तेजी से उभर रही अर्थव्यवस्था है। आईजीआई एयरपोर्ट का ट्रांशिपमेंट हब के रूप में इस्तेमाल कर बांग्लादेश शिपमेंट पर आ रही लागत को काफी कम कर सकेगा। साथ ही इससे एक स्थान से दूसरे स्थान तक शिपमेंट के भेजने में आने वाली लागत व समय में भी कमी आएगी।
बांग्लादेश अपने उत्पाद निर्यातों का अधिकांश हिस्सा यूरोप के देशों को निर्यात करता है। दिल्ली एयरपोर्ट से यूरोप के अधिकांश देशों की सीधी उड़ान है। ऐसे में दिल्ली एयरपोर्ट का ट्रांसशिपमेंट हब के रूप में बांग्लादेश के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।
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