Tuesday, May 30, 2023
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दिल्ली के ठप्पेबाज, गाजियाबाद के सुनार और निशाने पर नोएडा की महिलाएं और बुजुर्ग

  • Updated on 10/8/2021

नई दिल्ली, टीम डिजीटल: महिलाओं को बातों में उलझा कर तो कभी पुलिस चेकिंग का डर दिखा कर तो कभी बदमाशों के क्षेत्र में लूटपाट की घटनाओं का भय दिखा कर तो कभी तंत्र मंत्र विद्या से जेवरात व रुपय दुने करने के नाम पर महिलाओं व बुजुर्गो से ठप्पेबाजी कर उन्हें ठगने वाले गिरोह के छह सदस्यों समेत आठ लोगों को थाना सेक्टर-58 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में बाप बेटे के अलावा दो गाजियाबाद के सुनार है। जिन्हें गिरोह ठगी के जेवरात बेचा करता था। 

नोएडा जोन के डीसीपी राजेश एस ने बताया कि शुक्रवार को पुलिस ने महिलाओं से धोखाधड़ी कर गहने ठगने वाले गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने गिरोह में शामिल न्यू पंचवटी गाजियाबाद निवासी सुनार सचिन वर्मा, वसुंधरा गाजियाबाद निवासी सुनार प्रज्ज्वल वर्मा, भलस्वा दिल्ली निवासी अब्बास, हामिद, इंदिरापुरम निवासी मोहम्मद साहिब, सीमापुरी दिल्ली निवासी मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद नाजुर खान, वसुंधरा गाजियाबाद निवासी अफरोज को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से सोने के आठ टॉप्स, एक लॉकेट, चार कंगन, आठ कुंडल, तीन चांदी के बिच्छुए, चार अंगूठी, आठ पाजेब, छह मोबाइल, 13,198 रुपये और दो कार बरामद की हैं।

एडीसीपी कुंवर रणविजय सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपी हामिद, अफरोज, साहिब, नाजुर खान, अब्बास और मोहम्मद शाहिद मिलकर दिल्ली-एनसीआर में सुबह के समय ड्यूटी पर जाने वाली या सैर कर रही महिलाओं के साथ धोखाधड़ी करते थे। वे महिलाओं को तांत्रिक विद्या के माध्यम से गहने दोगुना करने का लालच देते थे और उनके गहने उतरवा लेते थे। इसके बाद महिलाओं को 20 कदम आंखें बंद कर चलने के लिए कहकर गहने लेकर भाग जाते थे। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि चोरी किए गहनों को गाजियाबाद के सुनार सचिन वर्मा और प्रज्ज्वल वर्मा को आधे-पौने दाम पर बेच देते थे।

छह साल से सक्रिय
एसीपी टू रजनीश वर्मा ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों का गिरोह दिल्ली-एनसीआर में लगभग छह वर्ष से सक्रिय है। आरोपियों ने कई घटनाओं को अंजाम दिया है। गिरोह द्वारा की जाने वाली घटनाओं को टप्पेबाजी के नाम से जाना जाता है। आरोपी वृद्ध और अकेली महिलाओं को निशाना बनाते थे। आरोपी हामिद अली दिल्ली के सरिता विहार थाने से टप्पेबाजी की घटनाओं में वर्ष 2016 में जेल जा चुका है। पुलिस का दावा है कि सैकड़ों घटनाएं इस गिरोह ने की है लेकिन वह कभी पकड़े नहीं गए। इस बार पकड़े के पीछे शहर में लगी तीसरी आंख बताई जा रही है। जिसमें इन ठगों के चेहरे कैद हो गए थे। 
 

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