Saturday, Sep 30, 2023
-->
difference-in-claims-of-mla-department-leopard-created-sensation-3-times-in-9-days

विधायक-विभाग के दावों में अंतर, तेंदुए ने 9 दिन में 3 बार मचाई सनसनी

  • Updated on 11/24/2021

नई दिल्ली/टीम डिजीटल। गाजियाबाद में कभी दिखता, कभी छुपता तेंदुआ अब वन विभाग के लिए पहेली बनकर रह गया है। पिछले 9 दिन के भीतर 3 बार तेंदुआ आया, तेंदुआ आया का हल्ला मचा है। 2 बार सीसीटीवी कैमरे में और एक बार आंखों के सामने वह देखा गया है। राजनगर में दूसरी बार तेंदुए की आमद को वन विभाग ने सिरे से नकार दिया है। भाजपा विधायक और डरी-सहमी पब्लिक के दावे से यह विभाग कतई इत्तेफाक नहीं रखता है। तेंदुआ कब तक लुका-छिपी का खेल खेलता रहेगा, यह कोई नहीं जानता, मगर राजनगर से डासना तक फिलहाल दहशत बरकरार है।

जब तक तेंदुआ पकड़ में नहीं आता अथवा उसके गाजियाबाद से चले जाने की तस्दीक नहीं हो जाती तब तक नागरिकों को सुकून मिलना संभव नहीं है। गाजियाबाद शहर में 16 नवम्बर को तेंदुए की आमद होने की पुष्टि हुई थी। राजनगर सेक्टर-13 में मकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में वह कैद हो गया था। इसके बाद 20 नवम्बर को मसूरी थाना क्षेत्र के डासना में तेंदुए को साक्षात देखा गया था। आध्यात्मिक नगर में वह वन विभाग की टीम को गच्चा देकर भाग निकला था। तेंदुए को पकड़ने के चक्कर में वन विभाग के 2 कर्मचारी भी घायल हो गए थे। ऐसे में वन विभाग को डासना में पिंजरा लगाना पड़ा। इसके अलावा मेरठ और आगरा तक से वन विभाग की टीम को गाजियाबाद में बुलवा लिया गया।

कुछ दिन की खामोशी के बाद 23 नवम्बर की देर शाम राजनगर में एक बार फिर तेंदुआ आने का शोर मच गया। दहशत में नागरिकों ने घरों के खिड़की-दरवाजे तक बंद कर लिए थे। भाजपा विधायक सुनील शर्मा के आवास की तरफ तेंदुए के आने की वीडियो सीसीटीवी में कैद हो गई। विधायक शर्मा ने आशंका जाहिर की कि कॉलोनी में संभवत: तेंदुए का पूरा परिवार घूम रहा है। उधर, विधायक के दावे से वन विभाग कतई सहमत नहीं है। वन विभाग का कहना है कि राजनगर में पुन: तेंदुआ आने की बात महज अफवाह है। हालाकि कौन सच और कौन झूठ बोल रहा है, यह तो मालूम नहीं, मगर नागरिकों में तेंदुए का खौफ जरूरी कायम है।

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
comments

.
.
.
.
.