नई दिल्ली, टीम डिजीटल/ नोएडा के सेक्टर-31 स्थित निठारी मुख्य मार्ग पर बने हंसराज टावर कांप्लेक्स में सोमवार दोपहर एक बजे के करीब भूतल में बने एसी के गोदाम में संदिज्ध परिस्थितियों में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। जिसकी जद में काम्पलेक्स की दस से ज्यादा दुकाने आ गई और चारों पूरे कांप्लेक्स में धुआं ही धुआं नजर आने लगा। आधा दर्जन बाइक सहित करोड़ों का सामान व वाहन जलकर राख व कबाड़ हो गए। आग लगते ही कांप्लेक्स में मौजूद सभी दुकानदार और ग्राहक बाहर निकल आए और किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। देर रात फायर कर्मियों ने आग पर 9 घंटे की मशक्कत के बाद काबू पाया। अग्निशमन विभाग की टीम आग लगने के कारणों की जानकारी में जुटी है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि शार्ट सर्किट या एसी के कंप्रेशर फटने के कारण आग लगी है। आग बुझाने में दमकल की कुल 12 गाडिय़ां लगी रहीं। जानकारी के मुताबिक निठारी मुख्य मार्ग पर हंसराज टावर कांप्लेक्स चार मंजिला है और इसमें करीब 70 दुकानें हैं। भूतल में एसी,पेंट और मोबाइल की दुकानें और गोदाम हैं। मुख्य अग्निशमन अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार एक बजे के करीब हंसराज कांप्लेक्स में आग लगने की जानकारी मिली। आग की शुरूआत एसी के गोदाम से हुई और धीरे-धीरे यह पूरे कांप्लेक्स में फैल गई। धुआं का गुबार देख सडक़ के दोनों तरफ सैकड़ों लोग जमा हो गए,जिसकी वजह से यातायात बुरी तरह से बाधित हुआ। आग की भयावहता को देखते हुए डीसीपी राजेश एस, एडीसीपी रणविजय सिंह सहित करीब तीन कोतवाली के कोतवाली प्रभारी अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को सडक़ से हटाकर यातायात को सामान्य कराया। आग लगते ही पूरे कांप्लेक्स में अफरातफरी मच गई। कांप्लेक्स में गत्ते, एसी के कंप्रेशर फटने से आग की लपटें बढऩे लगी और बाहर धुआं निकलने लगा। इस दौरान अग्निशमन कर्मियों ने मेहनत कर आग को भूतल से ऊपर नहीं पहुंचने दिया । हालांकि भूतल के ऊपर कुछ स्थानों पर आग पहुंच गई थी, जिसे भी बुझा लिया गया। जांच में सामने आया है कि बिल्डिंग के पास फायर एनओसी नहीं थी। कांप्लेक्स के मालिक निठारी निवासी लोकेश को पुलिस तलाश रही है। लोकेश के पिता के नाम पर कांप्लेक्स है।
पांच साल पहले भी हुआ था सील, अब भी बिना एनओसी के चल रहा था काम्पलेक्स जांच में पता चला कि इस कॉम्पलेक्स के मालिक ने बिल्डिंग की फायर एनओसी नहीं ले रखी थी। ऐेसे में अब पुलिस उसके खिलाफ भी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। हैरानी की बात यह है कि यह काम्पलेक्स पांच साल पहले भी प्राधिकरण ने सील किया था। उस वक्त भी फायर एनओसी समेत कई खामियां सामने आई थी। इसके बाद भी यह काम्पलेक्स संचालित हो रहा था।
लकड़ी की सीढ़ी से उतरकर बचाई जान आग लगने पर काम्पलेक्स की उपरी मंजिल पर फंसे लोग धुएं की जद में आ गए और मदद के लिए चिल्लाने लगे। पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों ने लकड़ी की सीढ़ी का इंतजाम कर सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इसमें कोई भी हताहत नहीं हुआ। हालांकि बीच-बीच में कंप्रेशर फटने की आवाज सुनकर लोग सहम गए। कंप्रेशर फटने की वजह से धुंआ बढ़ता की गया और कई किलोमीटर दूर से यह साफ दिख रहा था।
बचाव के बजाए वीडियो बनाते रहे लोग घटनास्थल के पास सैकड़ों लोग अपने मोबाइल पर आग लगने का वीडियो बनाते रहे और उसे इंटरनेट मीडिया के विविध प्लेटफार्म पर साझा करते रहे। इस दौरान निठारी के सामने वाले एक तरफ की सडक़ पर वाहनों का आवागमन रोक दिया गया। कांप्लेक्स में कई सिलंडर भी रखे थे। गनीमत रही कि अग्निशमन कर्मियों ने उसे फटने से पहले ही बाहर निकाल लिया वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
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