मां है दिल्ली यूनिवर्सिटी की रिटायर्ड प्रोफेसर, तीसरी बार में मिली सफलता नई दिल्ली, 23 मई (मुकेश ठाकुर /नवोदय टाइम्स): दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी रह चुके पिता औऱ एक रिटायर्ड प्रोफेसर के बेटे अनिमेष ने सिविल सर्विसेज के परीक्षा ने 282 रैंक लाकर अपने परिवार का नाम रौशन किया है। रिजल्ट आते हीं घर मे खुशी का माहौल बन गया। पिता अजय कुमार सिंह और मां डॉ सबिता सिंह ने भगवान को धूप अगरबत्ती दिखा पूजा पाठ की और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर एक दूसरे को शुभकामनायें दी। पिता और चाचा से मिली प्रेरणा अनिमेष ने बताया कि उन्होंने एलएलबी की डिग्री प्राप्त ही। परिवार में अपने आईपीएस ऑफिसर पिता और आईएएस ऑफिसर चाचा से काफी प्रभावित थे। साथ ही आसपास के रिश्तेदारों में भी कई लोग यूपीएससी कंप्लीट कर चुके है। इससे उन्हें हमेंशा ही काफी प्रेरणा मिलती थी। उसी को देखकर वह बचपन से ही यूपीएससी को पास करने को ही अपना लक्ष्य बना रखा था। पहले दो प्रयास में सफलता नहीं मिली, पर हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में उन्हें सफलता प्राप्त हुई है। नहीं ली कभी कोचिंग अनिमेष का कहना है कि नियमित रूप से विषय की तैयारी इसकी सफलता की पहली कुंजी है। यही कारण है कि उन्होंने कभी भी कोई कोचिंग नहीं की। सेल्फ स्टडी को ही प्रमुखता दिया। पर नियमित रूप से प्रैक्टिस सेट टेस्ट जूरूर दिया करते थे। इससे उन्हें यह पता चलता रहता था कि उनकी तैयारी कैसी चल रही है। इस दौरान वे अपने कोच के संपर्क में लगातार रहते थे, जो उन्हें उनकी तैयारी की कमियों को बताया करते थे और किस प्रकार ठीक किया जाए इसके लिए मार्गदर्शन देते थे। चाचा और पिता को काम करता देख काफी प्रेरित होता था अनिमेष कहते हैं कि वे बचपन से अपने चाचा और पिता को अपने कार्य क्षेत्र में काम करता, उनके अधिकार और मिल रहे सम्मान को देखकर काफी प्रभावित होता रहा हूं। यही हमेशा से मुझे यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी में प्रेरित भी करता रहा है। परीक्षा के दौरान जहां माता पिता से मार्गदर्शन मिला, वहीं पिता के सहयोगी और उनके साथ काम करने वाले पुलिसकर्मियों से भी परीक्षा की तैयारी, नोट्स इकट्ठा करने में काफी सहयोग प्राप्त होता रहा है। मेरी सफलता में उनका भी प्रमुख योगदान रहा है। मैं खुश हूं पर रिजल्ट और बेहतर की आशा थी मां डॉ सबिता सिंह जो कि इतिहास की प्रोफेसर रह चुकी है कहती हैं कि वह अपने बेटे की सफलता से काफी खुश है। पर उन्हें इससे बेहतर रैंक आने की आशा थी। कहती हैं कि जिस प्रकार की तैयारी अनिमेष ने की थी, हमें आशा थी कि वह टॉप 50 में रैंक लाएगा। जो भी उसने प्राप्त किया है वह उसकी मेहनत और लगन का नतीजा है। एक पिता के रूप में मेरे लिए सबसे खुशी का दिन है अजय कुमार सिंह कहते हैं कि एक पिता के रूप में मेरे लिए सबसे खुशी का दिन है। क्योंकि बेटा जो चाहता था वह उसने प्राप्त कर लिया है। आज कई युवा इससे भाग रहे हैं। उनके लिए कहना चाहूंगा कि इस देश में एक युवा के लिए इससे बड़ा कोई प्लेटफॉर्म नहीं है। कोई युवा कुछ बदलाव की सोचता है तो यही एक माध्यम है, नहीं को सिर्फ पैसे कमाने हैं तो उनके लिए यह सही नहीं है। क्योंकि इसमें रहते हुए आप उन गरीबों की मदद कर सकते हैं, जिन्हें और कोई मदद नहीं कर सकता और उनसे मिली दुआएं जीवन में काफी काम आते हैं।
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