Saturday, Jun 10, 2023
-->
gang busted in the name of online vehicle booking, five arrested

ऑनलाइन गाड़ी की बुकिंग के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार

  • Updated on 3/22/2023

नई दिल्ली,(जुनेद अख्तर):दिल्ली से सटे नोएडा में थाना सेक्टर 113 पुलिस और साइबर हेल्पलाइन ने ऑनलाइन गाड़ी की बुकिंग के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर बुधवार को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया गिरोह फिशिंग वेबसाइट बनाकर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहा था। पुलिस ने इनसे लैपटॉप, 5 मोबाइल, टैब 3 डेबिट कार्ड और 43 हजार रुपए बरामद किए हैं। 

साइबर हेल्पलाइन को शिकायत मिली थी कि कुछ लोग ऑनलाइन गाड़ी बुकिंग के नाम पर ठगी कर रहे हैं। पुलिस ने मामले की जांच की तो आरोपियों की लोकेशन सेक्टर 78 स्थित आदित्य अर्बन कासा सोसाइटी पर मिली। यहां से साइबर हेल्पलाइन और सेक्टर 113 थाना पुलिस ने गिरोह के पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में जालसाजों की पहचान समीर खान निवासी अल्फा 1 ग्रेटर नोएडा, सुनील नारंग निवासी पटेल नगर जिला हिसारए हरियाणा, आकाश कुमार सूर्यकुंज पार्ट 2 नजफगढ़ दिल्ली, आकाश वासन निवासी जवाहर नगर आदमपुर हरियाणा और अरबाज अली निवासी जामिया नगर दिल्ली के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी पिछले करीब एक साल से इस तरह ठगी कर रहे थे। अब सैकड़ों लोगों से लाखों रुपए की ठगी कर चुके हैं। 

कार बुकिंग के नाम पर क्रेडिट व डेबिट कार्ड की डिटेल हासिल कर करते थे ठगी 
जालसाजों ने बताया कि उनकी वेबसाइट पर किराए पर कार लेने के इच्छुक व्यक्ति बुकिंग के लिए आवेदन करते थे। इससे जालसाजों के पास पीडि़तों का मोबाइल नम्बर, नाम व बुकिंग की जगह आ जाती थी। इसके बाद ग्राहकों को बुकिंग भुगतान करने के लिए आरोपी वेबसाइट पर 101 रुपए की ट्रांजेक्शन करने के लिए कहते थे। इसी दौरान आरोपियों को पीडि़तों के क्रेडिट व डेबिट कार्ड की डिटेल मिल जाती थी। इसके बाद आरोपी ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। 
 

व्हाट्सऐप पर एपीके फाईल भेजकर महालक्ष्मी की ऐप कराते थे डाउनलोड
101 रुपये की ट्रांजेक्शन सफल न होने पर ठग ग्राहकों को दोबारा कॉल करते थे। फिर ग्राहकों के व्हाट्सऐप पर एपीके फाईल भेजकर महालक्ष्मी की ऐप डाउनलोड कराते थे। साथ ही दावा करते थे कि इस ऐप से बुकिंग में छूट मिलगी। इस एपीके फाईल में एसएमएस फारवर्डिग की स्क्रिप्ट होती थी। इससे पीडि़तों के मोबाइल पर आने वाले ओटीपी के मैसेज ठगों के पास पहुंच जाते थे। फिर वह डेबिट कार्ड,क्रेडिट कार्ड, फोन पे, पेटीएम के माध्यम से पैसा फर्जी बैंक खातो में ट्रांसफर कर लेते थे।
 

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
comments

.
.
.
.
.