तिहाड़ जेल में सरेआम गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की बेरहमी से हत्या,४ बदमाशों ने ९० वार किए साजिश: २० मिनट तक घोपते रहे सुए को,तिहाड़ सुरक्षाकर्मी बने रहें मूकदर्शक गोगी गैंग के योगेश उर्फ टुंडा सहित ४ कैदियों पर आरोप,लारेंस ने भी ली हत्या की जिम्मेदारी
महज १९ दिन के भीतर जेल में हुई गैंगवार में दूसरे कैदी की हत्या हो गई।
फिल्म गर्मी की दिलबाग की तरह साजिश को दिया गया अंजाम,आखिर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या में कौन शामिल
नई दिल्ली २ मई(नवोदय टाइम्स): एक बार फिर अति सुरक्षित(एशिया) तिहाड़ जेल में सरेसाह गैंगवार के चलते नामी गैंगस्टर सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया की बेरहमी से हत्या कर दी गई। चार हमलावरों ने गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया के पर करीब २० मिनट तक ९० से ज्याद सुए के वॉर किए और तब तक उसे मारते रहें जब तक उसने दम नहीं तोड़ दिया। इस वारदात में एक अन्य कैदी भी रोहित भी बुरी तरह से घायल हुआ हैं। बताया जाता है कि जिस समय हमलावरों ने टिल्लू पर हमला किया,उस दौरान सुरक्षाकर्मी मूकदर्शक बने हुए थे और अन्य कैदियों को बाहर निकाल रहे थे,जबकि हमलावर उसे मार रहें थे। बता दे कि महज १९ दिन पहले ही तिहाड़ जेल में ही गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की भी सरेआम गैंगवार को लेकर हत्या की गई थी।
गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी गैंग और लारेंस बिश्नोई ने ली जिम्मेदारी
करीब सुबह ६.१० मिनट पर जेल नंबर-८ के टिल्लू ताजपुरिया हाई सिक्योरिटी सेल में ग्राउंड फ्लोर पर था। मंगलवार सुबह उसकी सेल खोलने की तैयारी चल रही थी। इसी बीच पहली मंजिल पर बंद चारों कैदी दीपक उर्फ तितर, योगेश उर्फ टुंडा, राजेश और रियाज खान ने हाई सिक्योरिटी सेल की पहली मंजिल की ग्रिल काटी। इसके बाद बेडशीट के सहारे नीचे उतरकर आए। और सभी ने एक साथ टिल्लू पर हमला कर दिया। टिल्लू पर सुए के ९० से अधिक वार किए गए। इसी बीच सेल में ही मौजूद कैदी रोहित ने टिल्लू को बचाने का प्रयास किया तो आरोपियों ने उस पर भी हमला किया। आरोपियों का इरादा भांपकर रोहित को जान बचाकर वहां से भाग गया। हालांकि तुरंत घायल टिल्लू को हरिनगर के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे बाद में मृत घोषित कर दिया। टिल्लू ताजपुरिया बड़ा गैंगस्टर था, इस पर कई मामले चल रहे थे।
जेल प्रशासन पर उठे सवाल,बर्चस्व के खेल में साथ दे रहें तिहाड़ जेल कर्मी
हाई सिक्योरिटी जेल में टिल्लू की हत्या ने कई सवाल खड़े किए हैं। प्रारभिंक जांच में साफ है कि हत्या की साजिश को रचा गया और इसमें तिहाड़ के जेल कई अधिकारियों ने बदमाशों का साथ दिया। जिसके चलते उन लोगों ने बड़े ही इत्मीनान ने रात भर अपने जेल की ग्रिल को काटा,यही नहंी इसके बाद वे बड़े इत्मीनान से पहली मंजिल से उतरें और हत्या की। हैरानी ये भी हमले से हमले बैरक से अन्य कैदियों को निकाल दिया गया था जबकि हत्या के समय टिल्लू के साथ केवल एक ही कैदी मौजूद उस समय मौजूद था।
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