नई दिल्ली/टीम डिजिटल। किराए पर पिस्तौल लेकर अपराधी राजधानी में हत्या व लूट जैसी जघन्य वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। ना हथियार खरीदने की जरूरत ना वारदात के बाद ठिकाने लगाने की टेंशन, पकड़े जाने के बाद वारदात में इस्तेमाल हथियार भी बरामद नहीं कर पाती पुलिस।
दिल्ली एनसीआर के अपराधियों को वारदातों को अंजाम देने के लिए असलहे किराए पर देने वाले गैंग के तीन बदमाशों को पूर्वी जिला के लक्ष्मी नगर पुलिस ने धर दबोचा है। पकड़े गए तीनों आरोपियों में गैंग का सरगना,असलम 36 निवासी रामा विहार दिल्ली, सुखविंदर सिंह उर्फ सोबी 30 निवासी गांधीनगर दिल्ली, रुपेश शर्मा उर्फ बंटी गुज्जर 34 निवासी लक्ष्मीनगर दिल्ली हैं।
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आरोपयिों की निशानदेही पर पुलिस ने 4 सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल, 7 कट्टे और 52 कारतूस बरामद किए हैं। पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त जसमीत सिंह ने बताया मुखबिर से इन तीनों के बारे में सूचना मिली थी, सूचना के आधार पर प्रीत विहार एसीपी रोहित राजबीर सिंह के दिशा निर्देश व थानाध्यक्ष लक्ष्मीनगर अशोक शर्मा के नेतृत्व में एसआई सुनील, सतीश, कॉन्स्टेबल गौरव और मोहित की टीम ने लक्ष्मी नगर पुश्ता रोड पर ट्रैप लगाकर तीनों आरोपियों को दबोच लिया।
पिस्तौल किराए पर लो कारतूस खरीद लो: गैंग के सरगना असलम ने पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह 30 से 40 हजार रुपये में मुंगेर व मेरठ की बनी पिस्तौल दिल्ली एनसीआर के अलावा कई राज्यों में सप्लाई करता था। लेकिन पिछले कुछ समय से वह 5 हजार रुपए में एक सप्ताह के लिए बदमाशों को पिस्तौल किराए पर देने के साथ ही कारतूस भी स्पलाई करता था।
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वारदात के बाद ठिकाने लगाने की नहीं दिक्कत तीनों आरोपियों ने खुलासा किया कि वह दिल्ली एनसीआर में स्क्रिय बदमाशों को वारदातों को अंजाम देने के लिए किराए पर असलहा किराए पर देते थे व कारतूस बेचते थे। बदमाशों को महंगे हथियार खरीदने नहीं पड़ते थे, हजारों रुपए की पिस्तौल यह लोग महज 4 से 5 हजार रुपए में इन बदमाशों से किराए पर मिल जाती थी।
वहीं अपराधियों को वारदातों को अंजाम देने के बाद हथियार को ठिकाने लगाने की दिक्कत से भी छुटकारा मिल जाता था। काम होने के बाद बदमाश बदमाशों को हथियार वापिस सौंप देते थे। वहीं बदमाशों के पकड़ जाने के बाद भी पुलिस वारदात में इस्तेमाल हथियारों को बरामद नहीं कर पती थी।
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यूपी-बिहार से लाता था पिस्तौल इस गैंग का सरगना असलम मुंगेर और मेरठ बिहार से पिस्तौल और कट्टे लाकर कई रा४यों में सप्लाई करता रहा है। दिल्ली एनसीआर में लक्ष्मी नगर का रूपेश उर्फ बंटी व सुखविंदर उर्फ सोबी अवैध हथियारों की स्पालाई व किराए पर देने व कारतूस बेचने का का काम करते थे।
5 हजार में 7 दिन रखें पिस्तौल अपराधी पांच हजार रुपये में इन अपराधियों से एक सप्ताह के लिए पिस्टल किराए पर लेते और कुछ दिनों में लौटा जाते। इससे अपराधियों को हथियार ठिकाने लगाने या छिपाने का जोखिम नहीं रहता था। दिल्ली में बंटी और सोबी उससे ही लेकर हथियार लेकर अपराधियों को किराए पर देने व बेचने का काम करते थे। असलम के अन्य राज्यों में हथियार तस्करों से संपर्क हैं।
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