Thursday, Jun 01, 2023
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बायोकॉन बायोलॉजिक्स से संबंधित रिश्वत मामले में संयुक्त औषधि नियंत्रक गिरफ्तार 

  • Updated on 6/21/2022

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सीबीआई ने संयुक्त औषधि नियंत्रक एस ईश्वर रेड्डी को बायोकॉन बायोलॉजिक्स की इंसुलिन दवा के तीसरे चरण के परीक्षण से छूट देने के लिए कथित तौर पर चार लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया।      अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि रेड्डी पर इंसुलिन एस्पार्ट इंजेक्शन के तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण से छूट देने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है। बायोकॉन बायोलॉजिक्स की इस दवा का उपयोग टाइप-1 और टाइप-2 मधुमेह के इलाज में किया जाता है।

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      बायोकॉन बायोलॉजिक्स किरण मजूमदार शॉ के नेतृत्व वाली बायोकॉन की सहायक कंपनी है। कंपनी ने आरोपों से इनकार किया है। अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने सिनर्जी नेटवर्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिनेश दुआ को भी गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर रेड्डी को रिश्वत दे रहे थे। उन्होंने कहा कि आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद सीबीआई ने रेड्डी और दुआ को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्हें सोमवार को एक छापे के दौरान उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब कथित रिश्वत का लेनदेन चल रहा था। रेड्डी केंद्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) में नियुक्त हैं।  

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    सीबीआई ने बैंगलोर स्थित बायोकॉन बायोलॉजिक्स लिमिटेड के संयुक्त उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय नियामक मामलों के प्रमुख एल प्रवीण कुमार के साथ ही दिल्ली के बायोइनोवेट रिसर्च र्सिवसेज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक गुलजीत सेठी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।     

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बायोकॉन बायोलॉजिक्स के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम कुछ मीडिया खबरों में लगाए गए रिश्वतखोरी के आरोपों से इनकार करते हैं। हमारे सभी उत्पाद अनुमोदन वैध हैं और विज्ञान और क्लिनिकल आकड़ों से सर्मिथत हैं। यूरोप और कई अन्य देशों में हमारे बी एस्पार्ट को मंजूरी दी गई है।’’   

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  प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम सभी उत्पाद अनुमोदनों के लिए डीसीजीआई (भारत के औषधि महानियंत्रक) द्वारा तय उचित नियामक प्रक्रिया का पालन करते हैं। भारत में पूरी आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन है और सभी टिप्पणियां सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। हम जांच एजेंसी के साथ सहयोग कर रहे हैं।’’     

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