Sunday, Mar 26, 2023
-->
khalistani slogans were written in delhi with two thousand

दो हजार लेकर दिल्ली में लिखे खालिस्तानी नारे, USA में बैठे आका ने दिया था हुक्म

  • Updated on 1/30/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। खालिस्तानी स्लीपर सेल अब पंजाब के बाद दिल्ली में भी एक्टिव हो गए हैं। 12 जनवरी को जनकपुरी, तिलक नगर, पश्चिम विहार समेत तकरीबन 12 जगहों पर खालिस्तान के समर्थन में लगे पोस्टर एक बड़ी साजिश का हिस्सा थे। यह एक विदेशी साजिश थी और खालिस्तानी टेरर नेटवर्क के स्लीपर सेल किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं।

इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो आरोपियों को पकड़ा। इनकी पहचान तिलक नगर, दिल्ली निवासी विक्रम सिंह (29) और भरतपुर, राजस्थान निवासी बलराम सिंह (34) के तौर पर हुई है। दोनों एक नामी होटल में नौकरी करते थे और दोस्त भी हैं।

नारे दीवारों पर दिखे...

स्पेशल सीपी एचजीएस धालीवाल ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंय कर बताया कि गणतंत्र दिवस को लेकर दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे। इसी बीच देखने में आया कि दिल्ली कई अन्य हिस्सों में 18 और 19 जनवरी की रात को खालिस्तान के समर्थने में भित्तिचित्र बनाए गए हैं और विवादित नारे लिखे गए हैं।

इस मामले में एडिशनल सीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। टीम ने जांच पड़ताल में जुटी थी। इसी बीच 23 जनवरी को एक बार फिर से पश्चिमी दिल्ली के कुछ इलाकों में इसी प्रकार के नारे दीवारों पर दिखे।

ऐसे पकड़े गए स्लीपर सेल...

इसी दौरान अमेरिका में बैठा जस्ट्सि फार सिख के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर बताया कि दिल्ली में उसके समर्थक पहुंच गए हैं और समर्थक आगामी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन किसी हमले की तैयारी में हैं।

साथ ही वीडियो में कहा था कि गणतंत्र दिवस पर खालिस्तानी झंडा फरारया जाएगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की कई टीमें गठित की गई। टीम ने जिन इलाकों में भित्तिचित्र बनाए गए थे। उन इलाकों में संघन खोज अभियान चलाया और आरोपियों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की और दोनों को रविवार को गिरफ्तार किया।

दो लाख देने का किया था...

इनकी निशानदेही पर स्प्रे और बाइक बरामद कर ली गई है, जिसका प्रयोग आरोपियों ने भित्तिचित्र बनाने के लिए किया था। दोनों संदिग्धों से पूछताछ में पता चला कि विक्रम सिंह अमेरिका में स्थित एसएफजे के एक वरिष्ठ कैडर के संपर्क में रहा है। वह उसे कई वर्षों से जानता था।

एसएफजे के इस कैडर ने विक्रम से संपर्क किया और खुद को सिख फार जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू का करीबी सहयोगी बताया। उसने विक्रम को दो लाख रुपये देने का वादा कर पश्चिमी दिल्ली के कई इलाकों में स्लोगन लिखने का काम सौंपा। इसके बाद विक्रम ने अपने साथी बलराम को पैसों लालच देकर अपने साथ शामिल कर लिया। पदोनों को दो लाख के बदले सिर्फ एसएफजे ने सिर्फ दो हजार रुपये दिए थे।

मैन्यूअल और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से निगरानी...

दिल्ली पुलिस ने इंटेलिजेंस एजेंसियों के इनपुट को देखते हुए दिल्ली के संवेदनशील इलाकों में मैन्यूअल और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से निगरानी तेज कर दी है। खासतौर पर पश्चिम दिल्ली में जहां पोस्टर लगे पाए गए थे, उन इलाकों में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।

इसके लिए दिल्ली पुलिस ने विशेष तौर पर तकनीकी विशेषज्ञों की ड्यूटी लगाई है। बता दें इंटेलिजेंस एजेंसियों ने कुछ वॉयस कॉल ट्रैप किया है। इस इनपुट के बाद दिल्ली में सतर्कता बढ़ा दी गई है। बड़े स्तर पर नाकाबंदी और चेंकिंग अभियान शुरू किया गया है।

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
comments

.
.
.
.
.