Tuesday, Oct 03, 2023
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विवेक तिवारी हत्याकांड: परिजनों ने सीएम योगी के सामने रखी 3 मांगें

  • Updated on 9/29/2018

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में यूपी पुलिस द्वारा ऐपल कंपनी के कर्मी विवेक तिवारी की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। परिजनों ने अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने तीन मांगें रखी है। साथ ही कहा है कि अगर इन मांगों पर गौर नहीं किया गया तो विवेक के शव को मुख्यमंत्री आवास पर लेकर जाकर प्रदर्शन किया जाएगा। 

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विवेक तिवारी के भाई ने लखनऊ में मीडिया से कहा, 'हमारी तीन मांगें हैं। मामले की जांच के लिए एसआईटी की गठन किया जाए। विवेक की पत्नी को नौकरी और समुचित मुआवजा दिया जाए। साथ ही हम योगीजी का यहां इंतजार कर रहे हैं। अगर वे नहीं आते हैं, तो हम उनके घर पर विवेक के शव को ले जाएंगे। अगर वे नहीं आए तो हम वहां जाएंगे।'

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उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वारदात को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो मामले की सीबीआई जांच भी कराई जा सकती है। लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने कहा कि सना खान नामक महिला ने आज सुबह केस दर्ज कराया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि शुक्रवार/शनिवार की रात करीब 2 बजे वह अपने सहकर्मी विवेक तिवारी के साथ कार से घर जा रही थीं। रास्ते में गोमतीनगर विस्तार इलाके में उनकी गाड़ी खड़ी थी। तभी सामने से 2 पुलिसकर्मी आए तो तिवारी ने गाड़ी आगे बढ़ाने की कोशिश की।

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सना के मुताबिक पुलिसकर्मियों ने कार को रोकने की कोशिश की और गोली चलाई, जो तिवारी को लगी। इस वजह से बेकाबू हुई कार अंडरपास की दीवार से जा टकराई। तिवारी को सिर में चोट आई और काफी खून बहने लगा। उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां थोड़ी देर बाद उसकी मृत्यु हो गई। वारदात में मारे गए तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। साथ ही पुलिस विभाग में नौकरी देने और परिवार का भविष्य सुरक्षित करने के लिये एक करोड़ रुपये के मुआवजे की भी मांग की है।

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इस बीच, मुख्यमंत्री योगी ने गोरखपुर में इस घटना के बारे में संवाददाताओं से कहा कि लखनऊ की घटना कोई मुठभेड़ की वारदात नहीं है। हम इसकी पूरी जांच कराएंगे। प्रथमदृष्टया दोषी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। आवश्यकता पड़ेगी तो हम सीबीआई को भी इसकी जांच सौंपेंगे।

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उधर, प्रदेश सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह ने वाराणसी में इस घटना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि योगी सरकार के शासन में मुठभेड़ में कोई गलती नहीं हो रही है। गोली उसी को लगी है जो वास्तव में अपराधी है। जो सपा के सरकार में गुंडाराज था माफिया राज था, पुलिस उसी का ‘इंतजाम’ कर रही हैं। बाकी सब ठीकठाक है, अपराधी पर कोई समझौता नहीं है।इस सवाल पर कि क्या लखनऊ में पुलिस की गोली से मारा गया विवेक तिवारी भी अपराधी था, मंत्री ने इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

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बहरहाल, पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने मामले की जांच के लिये लखनऊ के पुलिस महानिरीक्षक सुजीत पांडे की अगुवाई में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है। पुलिस अधीक्षक (अपराध) और पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) को इसका सदस्य बनाया गया है। साथ ही जिलाधिकारी से इसकी मजिस्टीरियल जांच के आदेश देने का आग्रह किया गया है। 

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