Thursday, Jun 08, 2023
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पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या में मुख्य साजिशकर्ता: NIA

  • Updated on 5/4/2022

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय में दावा किया कि पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरेन की ‘निर्मम हत्या’ के मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं। हिरेन को उद्योगपति मुकेश अंबानी के परिवार को ‘आतंकित करने की बड़ी साजिश’ में कमजोर कड़ी माना गया था।   

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  एनआईए ने अदालत में दाखिल एक हलफनामे में कहा कि शर्मा ने मामले में अन्य आरोपियों के साथ पुलिस आयुक्त के कार्यालय परिसर में अनेक बैठकें कीं जहां कथित साजिश रची गयी। उन्होंने दावा किया कि बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने हिरेन की हत्या कराने के लिए शर्मा को 45 लाख रुपये दिये थे।  शर्मा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एनआईए ने कहा कि वह बेगुनाह नहीं हैं और उन्होंने आपराधिक षड्यंत्र, हत्या तथा आतंकी कृत्य जैसे अपराध किये।  न्यायमूर्ति ए एस चांदुरकर और न्यायमूर्ति जी ए सनप की खंडपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 17 जुलाई की तारीख तय की।   

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  मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास ‘एंटीलिया’ के पास 25 फरवरी, 2021 को एक एसयूवी गाड़ी लावारिस मिली थी जिसमें विस्फोटक था। गाड़ी के मालिक हिरेन थे जो पिछले साल पांच मार्च को ठाणे के एक दर्रे में मृत मिले थे।      एनआईए ने अपने हलफनामे में कहा, ‘‘प्रदीप शर्मा उस गिरोह के सक्रिय सदस्य थे जिसने अंबानी परिवार समेत लोगों को आतंकित करने की साजिश रची और मनसुख हिरेन की हत्या कर दी क्योंकि वह साजिश में कमजोर कड़ी थे।’’      एजेंसी ने दावा किया कि हिरेन को पूरी साजिश (गाड़ी एंटीलिया के बाहर खड़ी करने से जुड़ी) की जानकारी थी और आरोपियों (शर्मा तथा वाजे) को डर था कि हिरेन कहीं राज ना उगल दें, जिससे वे मुसीबत में पड़ सकते हैं।  

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    पूर्व ‘एनकाउंटर विशेषज्ञ’ शर्मा को एनआईए ने 17 जून, 2021 को गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।  एनआईए ने अपने हलफनामे में कहा कि शर्मा और मामले के अन्य आरोपियों ने विधिविरुद्ध क्रियाकलाप रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत जघन्य और गंभीर अपराध को अंजाम दिया है। उसने कहा, ‘‘इकट्ठे किये गये सबूतों से बिल्कुल साफ है कि प्रदीप शर्मा अपराध में सीधे तौर पर शामिल थे।’’   

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  एनआईए के अनुसार, हिरेन ने गाड़ी को एंटीलिया के बाहर खड़ी करने की जिम्मेदारी अपने सिर लेने से मना कर दिया था इसलिए उनकी हत्या कर दी गयी। एजेंसी ने कहा कि इस मामले में बड़ी साजिश में विस्फोटकों के साथ गाड़ी को एंटीलिया के बाहर खड़ी करना और अंबानी परिवार तथा स्थानीय लोगों को आतंकित करने के लिए ‘जैश-उल-ङ्क्षहद’ के नाम पर धमकी भरे पत्र भेजना शामिल है। एनआईए ने कहा कि आरोपियों ने यह दिखाने की कोशिश की कि हिरेन ने आत्महत्या कर ली है। 

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