नई दिल्ली/संजीव शर्मा। मुठभेड़ में मारा गया बदमाश विशाल उर्फ मोनू नशे और महंगे कपड़े और जूते पहनने का शौकीन था। उसके बैग से नशे के कैप्सूल और ब्रांडेड कपड़े मिले हैं। पुलिस का कहना है कि फरारी के दौरान मोनू ने आलीशान होटलों में रात गुजारी और शोरूम से ब्रांडेड कपड़ों व जूतों की खरीदारी की। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने मोनू के बैग से हाल में खरीदी गईं ब्रांडेड जींस, टीशर्ट और आर्मी ब्रांड की लोअर बरामद की है।
सभी टीमों को मॉनिटर करने वाले डीसीपी ग्रामीण जोन रवि कुमार ने बताया कि सिलसिलेवार हत्याओं को अंजाम देने वाले मोनू और उसके साथी अंकित को पकडऩा पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था। कई बार पुलिस को मोनू की लोकेशन विभिन्न राज्यों में मिली। लेकिन पुलिस के पहुंचने से पूर्व वह फरार होता रहा। डीसीपी ग्रामीण ने बताया कि मोनू एक टूरिस्ट की तरह आसपास के प्रदेशों में घूम रहा था। दो महीने फ रार रहने के दौरान उसने सात बार खरीदारी की। चार बार उसने शोरूम से महंगे और ब्रांडेड कपड़े, जूते और शैंपू आदि सामान खरीदा। भुगतान करने के लिए वह अपना और अपनी मां का क्रेडिट और डेबिट कार्ड इस्तेमाल करता था। डीसीपी रवि कुमार ने बताया कि मोनू नशे का भी आदी था। कोई भी अपराध करने से पहले नशा करता था। उसके बैग से मिली नशीली दवाइयां इस बात की पुष्टि करती हैं।
मोनू के ठंडा होने पर पीडि़त परिवारों के दिल में पड़ी ठंडक नवीन भारद्वाज और मुकेश गोयल हत्याकांड को अंजाम देने वाले 50 हजारी बदमाश मोनू के मारे जाने पर पीडि़त परिवारों की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। पीडि़त परिवारों का कहना है कि मोनू के मारे जाने पर उनके दिल में भी ठंडक पड़ी है। अच्छा होता कि पुलिस इस काम को पहले ही अंजाम दे देती। नवीन भारद्वाज की पत्नी ममता भारद्वाज का कहना है कि जिस तरह से मोनू ने मेरे पति के सीने में गोली मारकर हत्या की थी, पुलिस ने उसका भी हश्र वैसा ही किया। मोनू के मारे जाने की खबर सुनकर उनके दिन में काफी ठंडक पड़ी है। अब किसी और महिला की मांग सूनी नहीं होगी। पुलिस को पहले ही मोनू के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी।
वहीं, मुकेश गोयल की पत्नी अवतिका गोयल का कहना है कि मोनू को मुठभेड़ में ढेर कर डीसीपी ग्रामीण रवि कुमार ने दिया अपना वादा निभाया है। उनके पति की हत्या में शामिल अन्य लोग भी जल्द मारे जाने चाहिए। अवतिका ने कहा कि घटना के बाद डीसीपी ग्रामीण रवि कुमार ने उन्हें दस दिन के भीतर इंसाफ दिलाने का वादा किया था जो पूरा कर दिया गया। महिला ने बताया कि पति की हत्या के बाद डीसीपी ग्रामीण घर पर आए थे और उन्होंने वादा किया था कि दस दिन के अंदर ही बदमाश का यही हश्र होगा। पीडि़ता का कहना है कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं।
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