दिल्ली पुलिस ने 19 सितंबर को 60 दिनों के लिए लागू किया था - यूनिवर्सिटी मुख्य प्रॉक्टर ने भी कैंपस में इसे लेकर नोटिस जारी किया था - नोटिस में कैंपस के अंदर भी धारा 144 के नियम लागू करने के थे निर्देश नई दिल्ली/मुकेश ठाकुर।
एक ओर दिल्ली पुलिस ने लोकप्रिय फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अखिल भारतीय कार्रवाई के बीच ओखला क्षेत्र में धारा 144 लागू कर रखी है। 19 सितंबर से लागू इस नियम के तहत यूनिवर्सिटी कैंपस में भी अगले 60 दिनों के लिए इसे सख्ती से लागू करने को लेकर निर्देश जारी किए गए थे। इसमें शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी साथ ही छात्रों को भी परिसर के अंदर और बाहर समूहों, मार्च, धरना, आंदोलन और सभाओं में इक_ा नहीं होने की सलाह दी गई। इसके बावजूद यूनिवर्सिटी प्रबंधन और पुलिस के नाक के नीचे न सिर्फ छात्रों के दो गुट एक स्थान पर हमला करने वाले हथियारों के साथ इकट्ठा हुए, बल्कि एक गुट ने दिल्ली से बाहर हरियाणा से अपने हथियारबंद साथियों को यहां बुला लिया। सरेआम तमंचे लहराते हुए एक अस्पताल में घुसकर एक छात्र को गोली मारकर आराम से फरार हो गया। घटना के 24 घंटों बाद भी पुलिस आरोपी का सुराग तक जुटा नहीं पाई है। इस मसले पर यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली है। आखिर धारा 144 लागू होने के बावजूद पुलिस को छात्रों के बीच खूनी संघर्ष की सूचना तब मिली जब उन्हें अस्पताल ने छात्र को गोली मार देने को लेकर सूचित किया। क्या थे निर्देश यूनिवर्सिटी के मुख्य प्रॉक्टर ने 27 सितंबर को आधिकारिक बयान जारी करते हुए बताया था कि उन्हें जामिया नगर थाने के एसएचओ ने सूचित कर बताया था कि धारा 144 की पाबंदियां ओखला के बाहरी इलाकों के साथ ही यूनिवर्सिटी कैंपस में भी लागू होंगे, जोकि 19 सितंबर से ही लागू कर किया जा चुका है। उन्होंने बताया था कि पुलिस ने आशंका व्यक्त की थी कि पुलिस को कुछ लोगों या समूह द्वारा इलाके की शांति व्यवस्था भंग करने वाली गतिविधियों में शामिल सूचना है। कहा गया था कि यह आदेश 17 नवंबर तक पूरे ओखला (जामिया नगर) क्षेत्र में यह पाबंदी लागू रहेगी। जिसमें दक्षिण पूर्वी दिल्ली के पूरे अधिकार क्षेत्र में मशाल या मोमबत्ती जला कर जुलूस निकालना या किसी भी रूप में रैलियां निकालने पर रोक लगा दी थी। यूनिवर्सिटी में सुरक्षा का मजबूत तंत्र है जामिया मिल्लिया इस्लामिया में छात्र गुटों के बीच मारपीट की घटना के बाद यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार को आश्वस्त किया कि परिसर में सुरक्षा का मजबूत तंत्र है और छात्रों की सुरक्षा प्रशासन की प्राथमिकता है। जामिया के कुलसचिव नाज़िम हुसैन जाफरी का कहना है कि झगड़ा परिसर में हुआ था, जिसे अधिकारियों ने शांत करा दिया था। परिसर में हम छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। उनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। हालांकि छात्रों के बीच अस्पताल में फिर से झगड़ा हुआ। इस दौरान कुछ छात्रों ने बाहरी लोगों के साथ मिलकर गोलियां चलाईं। पुलिस ने दोनों पक्ष की शिकायत पर दो थाना में दर्ज की एफआईआर इधर पुलिस ने दोनों पक्ष की शिकायत पर दो अलग अलग थाना में दोनों पक्ष पर एफआईआर दर्ज की है। इसमें दोनों पक्ष के आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने हत्या की कोशिश, गैर इरादतन हत्या का प्रयास, आम्र्स एक्ट व अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। इस एफआईआर में घायल हुए दोनों छात्रों का भी नाम है। इसमें जामिया नगर थाना में नेमान अली, नोमान चौधरी और अब्दुल हनान नामक छात्र के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में गोली मारने के आरोपी जलालुद्दीन उर्फ जलाल, कपतन बडाना, शमशाद, राहील, मो. युसुफ और सबीर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अभी किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। इनमें से जहां दो आरोपी अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे हैं, वहीं अन्य फरार बताए जा रहे हैं।
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