नई दिल्ली। टीम डिजिटल। मंगलवार को सफदरजंग अस्पताल के बाहर एक महिला का प्रसव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिसे सफदरजंग अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया था, जिसकी वजह से महिला को बाहर सफदरजंग परिसर में अपने बच्चे को जन्म देना पड़ा। इस वीडियो में गर्भवती महिला को कई महिलाएं घेरकर कपड़े से पर्दा बनाती भी दिखाई दे रही हैं। इस वीडियो पर कड़ा संज्ञान लेते हुए दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने सफदरजंग अस्पताल को नोटिस जारी किया है। एनसीपीसीआर के चेयरमैन ने मौके पर पहुंचकर झारखंड से लाईं गईं बच्चियों को रेस्क्यू करवाया
नोटिस में डीसीडब्ल्यू ने पूछा, अस्पताल के कर्मचारी या डॉक्टर ने मदद की या नहीं डीसीडब्ल्यू ने कहा कि सोशल मीडिया पर जारी किए गए वीडियो में एक महिला को साफ बोलते व आरोप लगाते हुए सुना जा सकता है कि अस्पताल ने भर्ती नहीं किया जबकि गर्भवती महिला पूरी रात अस्पताल के बाहर बैठी रही। अस्पताल ने दाखिला करना तो दूर किसी डॉक्टर ने प्रसव पीड़ा में तड़पती महिला की मदद भी नहीं की। इसी वजह से डीसीडब्ल्यू ने सफदरजंग अस्पताल को नोटिस जारी कर अस्पताल से घटना के संबंध में एक विस्तृत जांच रिपोर्ट देने को कहा है। डीसीडब्ल्यू ने अस्पताल से महिला की हालत गंभीर होने के बावजूद भी उसे भर्ती देने से इनकार करने के बारे में भी कारण बताने को कहा है, जिस कारण अंतत: मजबूरन उसे अस्पताल की इमारत के बाहर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। साथ ही इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों और उनके खिलाफ अस्पताल द्वारा की गई कार्रवाई का विवरण भी मांगा है। इसके अलावा डीसीडब्ल्यू ने अस्पताल से ये भी बताने को कहा है कि क्या अस्पताल के किसी कर्मचारी या डॉक्टर ने अस्पताल की इमारत के बाहर महिला की डिलीवरी में मदद की या नहीं। अस्पताल को डीसीडब्ल्यू ने आपातकालीन मामलों में अपनाए जाने वाले प्रोटोकॉल के संबंध में भी जानकारी मांगी और मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल से 25 जुलाई 2022 तक मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजे शिवालय, श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक
अधिकारियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए : स्वाति डीसीडब्ल्यू की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने इस घटना पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि जब प्रतिष्ठित सरकारी अस्पताल भी गंभीर रोगियों को भर्ती और इलाज देने से इनकार करते हैं तो सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में आम लोगों का विश्वास कमजोर पड़ता हैं। मैंने सफदरजंग अस्पताल को नोटिस जारी कर अस्पताल से मामले में संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए कहा है। यह बहुत ही शर्मनाक घटना है और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई की जानी चाहिए और स्थिति को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा सामने ना आएं।
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