छह माह से अधिक हो चुके है रनवे के आधारभूत संरचना के पूरा हुए - पर अब तक नहीं लग पाए हैं, लाइटें व इलेक्ट्रोनिक उपकरण - ज्यादातर उपकरण आने हैं रूस और रूस व यूक्रेन के रूट पर पडऩे वाले देशों से - चल रहे युद्ध के कारण भारत को नहीं मिल पा रहे हैं उपकरण बिना - इसके कारण अब तक शुरू नहीं हो पाया है रनवे का ट्रायल - देश का पहला एयरपोर्ट जहां बना है चौथा रनवे नई दिल्ली/मुकेश ठाकुर/नवोदय टाइम्स। राजधानी दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई) देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जहां चार रनवे है। पर इसके चौथे रनवे पर गत एक वर्ष से चल रहे रूस यूक्रेन युद्ध का साया छा गया है। इस रनवे के आधारभूत संरचना को तैयार हुए छह माह से अधिक हो चुके हैं।
इस निर्माण कार्य को पूरा करने वाली दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) निर्माण के बाद इसे एयरपोर्ट ऑथेरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को ट्रायल के लिए सौंप दिया था। पर इस पर इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स और लाइटों के इंस्टॉलेशन का कार्य जोकि एएआई के निरीक्षण में होने थे उपलब्ध नहीं होने के कारण ट्रायल शुरू नहीं कर पाई है। जानकारी के अनुसार रनवे पर लगाई जाने वाली लाइटें और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जोकि रनवे पर विमानों के उतरने और उड़ान भरने के दौरान उन्हें नेविगेट करने में सहायक होती है उनमें ज्यादातर रूस और उसके आस पास के यूरोपीय देशों से आयात होकर आने हैं। उनके भारत आने का रूट रूस और यूक्रेन के युद्ध ग्रस्त इलाकों और हवाई क्षेत्र से होकर गुजरता है। मिली जानकारी के अनुसार अगर यह उपकरण किसी दूसरे मार्ग से मंगवाए जाते हैं, तो इनकी लागत कई गुणा बढ़ जाएगी। जिसका सीधा असर रनवे के निर्माण के बजट पर पड़ेगा। पहले ही इस रनवे के निर्माण में कोरोना के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के कारण इसके निर्माण निर्धारित समय से देर से पूरा हो सका।
तैयार होने में करीब छह वर्षों का समय लग गया। तैयार हुआ यह रनवे दुनिया की सबसे सुरक्षित व सुविधाओं से लैस रनवे है। जिस पर 2022 के अंत तक उड़ानों का संचालन शुरू कर दिए जाने की योजना थी। तत्काल एयरपोर्ट ऑपरेशन इस समस्या के दूसरे ऑप्स की तलाश में जुटी है। आईजीआई एयरपोर्ट एक झलक - यह एयरपोर्ट कुल 5106 एकड़ में फैला है। इसमें वर्तमान में कुल तीन टर्मिनल हैं, इसमें टर्मिनल एक व दो से घरेलू उड़ानों का संचालन होता है। वहीं तीन से सभी अंतरराष्ट्रीय और एयर इंडिया व कुछ एयरलाइन के घरेलू उड़ानों का भी परिचालन होता है। - इस एयरपोर्ट से प्रतिदिन करीब 1300 उड़ानें संचालित होती है और करीब 2.5 लाख लोग आवाजाही करते हैं। एयरपोर्ट की तत्काल यात्री क्षमता करीब प्रतिवर्ष 6.5 करोड़ यात्री है। - नया टर्मिनल पर उड़ानों के संचालन शुरू होने के बाद यहां से एक घंटे में तकरीबन 105 उड़ानों का परिचालन हो सकेगा।
- यात्रियों को बेहतरीन और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा प्रदान करने के लिए आईजीआई ने कई बार दुनिया के बेहतरीन एयरपोर्ट का खिताब जीता है।
- वर्ष 2005 में आईजीआई एयरपोर्ट की क्षमता 1.6 करोड़ यात्री प्रतिवर्ष थी, वहीं उस समय रोजाना मात्र 500 विमान उड़ान भरते थे। - वर्तमान में कुल तीन रनवे पर विमानों का संचालन होता है। जोकि रनवे संख्या 11/29, 10/28 और 09/27 है। - रनवे संख्या 09/27 को छोड़कर अन्य दोनों कोहरे में विमान को सुरक्षित लैंडिंग करने में मदद करने वाली तकनीक कैट थ्री बी युक्त हैं। इस नए रनवे को भी कैट थ्री बी तकनीक से तैयार की गई है। - चौथे रनवे का निर्माण रनवे संख्या 29/11 के समांतर कराया गया है। इसकी भी लंबाई वर्तमान रनवे के बराबर 4400 मीटर है। चौड़ाई 75 मीटर है। चौथे रनवे के साथ ही मिलना था चौथा टर्मिनल भी इसके कारण आईजीआई एयरपोर्ट को मिलने वाले चौथे टर्मिनल के निर्माण कार्य पर पड़ रहा है। यात्रियों को चौथे रनवे के साथ ही जल्द ही चौथा टर्मिनल का भी सौगात मिलने वाला है। यह टर्मिनल तत्काल में स्थित टर्मिनल-2 के स्थान पर बनाया जाएगा। जोकि पहले हज एयरपोर्ट हुआ करता था। वर्तमान में यहां से इंडिगो और गो एयरलाइन के घरेलू उड़ानों का संचालन होता है।
टी 2 के सारे विमान टी 4 से होंगे संचालित
टर्मिनल-4 (टी 4) के तैयार होने के बाद टर्मिनल-2 (टी 2) के सारे विमान यहां से संचालित होने लगेंगे। वहीं कम लागत वाली एयरलाइंस का संचालन टर्मिनल-1 से होता रहेगा। इस नए टर्मिनल पर विमान पार्किंग एरिया, कार्गों एरिया, टर्मिनल की इमारत, इमिग्रेशन, एयरलाइन काउंटर समेत सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी। यहां वर्तमान सबसे बड़ा टर्मिनल-3 से ज्यादा कन्वेयर बेल्ट होगी, जिससे अधिक संख्या में बैग लोड हो पाएंगे। इस टर्मिनल पर अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्रणाली लगाई जाएगी। इससे डायल कर्मी टर्मिनल की भीड़ को रीयल टाइम में नियंत्रित कर पाएंगे।
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