नई दिल्ली/टीम डिजिटल। ट्रोनिका सिटी के ओद्यौगिक क्षेत्र स्थित प्लॉट नंबर डी-64 में चल रही पुरानी गाडिय़ों की आड़ में चोरी की गाडिय़ां काटने की फैक्ट्री में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सामने आई है। पुलिस की गोपनीय जांच में साफ हुआ है कि चोरी की गाडिय़ों को काटने का यह काला धंधा पुलिस की ही मिलीभगत से चल रहा था। इस मामले में पुलिस ने बुधवार को फैक्ट्री मालिक समेत 13 आरोपियों को जेल भेजने के बाद अपनी सरपरस्ती में अवैध फैक्ट्री को चलवाने वाले क्षेत्र के चौकी इंचार्ज और बीट प्रभारी को वीरवार को सस्पेंड कर दिया है। एसएसपी ने दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच सीओ सेकेंड अवनीश कुमार को सौंपी है।
एसएसपी पवन कुमार का कहना है कि सूचना के आधार पर ट्रोनिका सिटी थाना पुलिस और एसपी ग्रामीण की एसओजी टीम ने 26 अक्तूबर को उक्त फैक्ट्री में छापेमारी की थी। मौके से चोरी और पुरानी 76 गाडिय़ां व हजारों गाडिय़ों के इंजन, चेसिस और अन्य कटे हुए पार्ट्स बरामद किए गए थे। इस मामले में पुलिस ने फैक्ट्री मालिक दिल्ली निवासी देवेन्द्र शर्मा और उसके पार्टनर समेत 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। फैक्ट्री में बड़े पैमाने पर गाडिय़ों के कटान का मामला सामने आने पर संबंधित चौकी और थाना पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठे थे। जिसके बाद एसएसपी ने एसपी ग्रामीण ईरज राजा से पूरे मामले की जांच कराई।
एसएसपी ने बताया कि जांच में ट्रोनिका सिटी चौकी इंचार्ज सुुशील कुमार और बीट प्रभारी हेड कांस्टेबल यशपाल सिंह की संलिप्तता पाई गई। एसपी ग्रामीण की जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्काज प्रभाव से दोनों को सस्पेंड कर दिया गया। साथ ही दोनों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
पुलिस को 1 लाख रुपए महीना देकर धड्ल्ले से चला रहे थे फैक्ट्री पुलिस की जांच के दौरान सामने आया कि आरोपियों ने उक्त फैक्ट्री को किराए पर लिया था। महज जीएसटी नंबर लेकर काम शुरू कर दिया गया। गाड़ी काटने का लाइसेंस लेने के लिए आरोपियों ने आरटीओ के यहां अर्जी दी, लेकिन वहां से लाइसेंस मिलने से पहले ही गाडिय़ों का कटान शुरू कर दिया गया। इसके लिए आरोपियों ने चौकी इंचार्ज और बीट प्रभारी से सेटिंग की थी। दोनों पुलिसकर्मी गाडिय़ों का कटान कराने की एवज में 1 लाख रुपए महीना वसूल रहे थे।
जांच के घेरे में थाने के पूर्व एसएचओ भी चौकी इंचार्ज और बीट कांस्टेबल अकेले अपने दम पर इस काम को अंजाम दिला रहे थे, यह बात पुलिस अधिकारियों के गले नहीं उतर रही। लिहाजा ट्रोनिका सिटी थाने के पूर्व एसएचओ की भूमिका की जांच भी की जा रही है। हालांकि, उनका गैर जनपद तबादला हो चुका है। एसएसपी का कहना है कि भूमिका पाए जाने पर पूर्व एसएचओ पर कार्रवाई की संस्तुति भी की जाएगी।
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