नई दिल्ली। टीम डिजिटल। राजस्थान भरतपुर से साइबर गैंग चलाने वाले एक गैंग ने दिल्ली की एक महिला से एक लाख 38 हजार आठ सौ 94 रुपये ठग लिये। बाहरी जिला साइबर थाना पुलिस ने गैंग के उस सदस्य को गिरफ्तार किया है। जो ठगी के रुपये अपने खाते या फिर दूसरे के खातों में जमा करवाता था। आरोपी दस गैंग को पैसे देने से पहले ही अपना दस पर्सेंट का हिस्सा निकाल लिया करता था। पुलिस को उसके बाकी साथियों की भी तलाश है,जिनके संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
आरोपी की पहचान आरोपी की पहचान अजरुद्दीन के रूप में हुई है। उसके कब्जे से एक लाख 62 हजार रुपये,पांच स्मार्ट फोन,एक बेसिक फोन,चार डेबिट कार्ड,चार चेक बुक और दो भारतपे स्वाइप मशीनें बरामद की हैं। आरोपी पहले राष्ट्रीय स्तर का पहलवान भी रह चुका है। जबकि उसके पिता हिंद केसरी रह चुके हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम विहार की रहने वाली पूजा ठक्कर से साइबर थाना पुलिस को शिकायत मिली थी। उन्होंने बताया कि उसने अपनी पुरानी डाइनिंग टेबल बेचने के लिए ओएलएक्स पर एक विज्ञापन पोस्ट किया था। ओएलएक्स पर रागिनी मिश्रा नाम की एक महिला ने टेबल खरीदने की बात कही। सौदा दस हजार रुपये में तय हुआ था। इसके बाद जालसाज ने शिकायतकर्ता को एक स्क्रीनशॉट भेजा और कहा कि दस हजार रुपये जमा करवा दिये हैं। जालसाज को बताया कि उनको कोई पैसे नहीं मिले हैं।
लिंक भेजते ही कटने लगे रुपये जालसाज ने उसे एक पेटीएम लिंक भेजा और भुगतान प्राप्त करने के लिए उस पर क्लिक करने को कहा। जब उसने उक्त लिंक पर क्लिक किया तो उसके खाते से 10 हजार रुपये कट गये। उसने जालसाज से पैसे कटने के बारे में पूछताछ की, जालसाज ने जवाब दिया कि यह गलती से हुआ है और उसे एक और पेटीएम लिंक भेजा और पैसे वापस पाने के लिए उस पर क्लिक करने के लिए कहा। क्लिक करते ही दस हजार रुपये ओर कट गए। इस तरह से बार बार क्लिक करने पर उनके खाते से एक लाख 38 हजार आठ सौ 94 रुपये निकल गए।
बैंक खाते और व्हटसएप नंबर से हरियाणा पहुंची टीम एसीपी सांवल राम मीना के निर्देशन में एसएचओ संदीप पंवार की देखरेख में एसआई अमित कुमार, हेड कांस्टेबल कुलवीर,विनोद और कांस्टेबल विनय हुडा को आरोपियों को पकडऩे का जिम्मा सौंपा गया। पुलिस टीम ने शिकायतकर्ता से उसके बैंक खाते और व्हटसएप नंबर आदि की डिटेल ली। जांच के दौरान, कथित नंबरों से जुड़े सभी सीडीआर, बैंक खातों से जुड़े मोबाइल नंबरों और आईपीडीआर की विस्तृत तकनीकी निगरानी की गई। जिसके बाद सेक्टर 48, गुरुग्राम, हरियाणा स्थित एक होटल से आरोपी अजरुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया।
खुद है राष्ट्रीय पहलवान,पिता रह चुका है हिंद केसरी आरोपी से पूछताछ करने पर पता चला कि आरोपी अजरुद्दीन ग्रेजुएशन ड्रॉपआउट है। वह राष्ट्रीय स्तर का पहलवान रह चुका है। उसके पिता भी ङ्क्षहंद केसरी रह चुके हैं। करीब एक साल पहले, उसकी मुलाकात ऐसे लोगों से हुई जो लोगों से ऑनलाइन धोखाधड़ी करते थे और उन्हें ऐसे और लोगों की ज़रूरत थी जो अपने बैंक खातों में ठगी गई रकम प्राप्त कर सकें और उन्हें ठगी गई रकम सुरक्षित रूप से मुहैया करा सकें। आरोपी अजरुद्दीन ने ठगी के पैसे के 10 पर्सेंट कमीशन पर उनके साथ काम करना शुरू कर दिया।
दुसरों के खाते भी दिया करता था कमीशन पर जालसाजों को पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी एक बार में 20 हजार से 50 हजार रुपये का भुगतान करके अन्य व्यक्तियों के बैंक खाते खरीदता था और फिर उन बैंक खातों का विवरण भरतपुर के मेवात क्षेत्र में ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वालों को प्रदान करता था। वह अपना 10 पर्सेंट कमीशन काट लेता था और ठगे गए पैसे का 90 पर्सेंट उन धोखेबाजों को पहुंचा देता था जो ओएलएक्स, फेसबुक मार्केटप्लेस और अन्य जैसी वेबसाइटों पर सामान के खरीदार या विक्रेता और सेना अधिकारी बनकर लोगों को ऑनलाइन धोखा देते थे।
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