Thursday, Mar 30, 2023
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कंटेनर में 35 टन था वजन,ऑटो सड़क पर पूरी तरह चिपक गया,मंजर देखा खड़े हुए रौंगटे

  • Updated on 12/19/2021


नई दिल्ली। (शाहरुख खान):आईटीओ स्थित हुए हादसे में ऑटो का पीछे वाला हिस्सा पूरी से तरह से सड़क में चिपक गया था। हादसा इतना दर्दनाक था कि जिसने भी मंजर देखा उसके रौंगटे खड़े हो गए। हॉस्पिटल की मोर्चरी में पूरे दिन कोहराम मचा हुआ था। किसी को भी शायद यह नहीं पता था कि वह चारों को आखिरी बार देख रहे हैं। चारों परिवारों के करीब दो सौ से अधिक लोग गमगीन थे। हादसे के बाद कश्मीरी गेट से सरायं काले खां के बीच रिंग रोड पर ट्रैफिक को बंद कर दिया गया। 35 टन के करीब चावल से भरे कंटेनर को हटाने के लिए दो हाइड्रोलिक मशीनों को बुलाया गया। इसके बाद कंटेनर में बड़े-बड़े हुक व बेल्ट को फंसाकर कंटेनर को हटाया गया। करीब डेढ़ घंटे बाद सबसे पहले कटर से ऑटो की बॉडी को काटकर जय किशोर यादव का शव निकाला गया। फिर सुरेंद्र का शव निकाला गया। ऑटो के पिछली सीट पर बैठे कोमल सिंह और उनके भांजे का शव निकालने के लिए फायर बिग्रेड और आबदा प्रबंधन की टीम को अलग तरह के उपकरण को इस्तेमाल करना पड़ा। जब करीब एक घंटे के बाद दोनों के शव निकाले जा सके।
दो मौतों ने पूरे परिवार को बुरी तरह झकझोर कर रख दिया
हालांकि सुबह सुरेंद्र कुमार यादव हंसी-खुशी अपने घर से मजाक करते हुए निकला था। यहां तक जब वह शास्त्री पार्क ऑटो स्टैंक पर मौजूद था तो बाकी ऑटो ड्राइवरों से भी मजाक कर रहा था। किसी को भी शायद यह नहीं पता था कि वह सुरेंद्र को आखिरी बार देख रहे हैं। कुछ ही देर बाद सुरेंद्र की मौत की खबर परिजनों को मिल गई। घर में एक साथ दो मौतों ने पूरे परिवार को बुरी तरह झकझोर कर रख दिया है। हादसे में सुरेंद्र के भतीजे जय किशोर यादव की भी मौत हो गई।
25 सालों से चला रहा था ऑटो
सुरेंद्र कुमार के रिश्तेदारों ने बताया कि वह पिछले करीब 25 साल से दिल्ली के शास्त्री पार्क में रहकर ऑटो चला रहे हैं। सुरेंद्र के तीन अन्य भाई हैं। इसके परिवार में पत्नी मालती देवी के अलावा चार बच्चे खुशबू कुमारी, चंदा कुमारी, अविनाश और गिरीराज कुमार (4) हैं। दो माह पूर्व सुरेंद्र ने कर्जा लेकर हरियाणा के एक हॉस्पिटल में अपने बेटे गिरीराज के दिल का ऑपरेशन करवाया था। सुरेंद्र अभी कर्जा उतार ही रहा था। वहीं दूसरी ओर सुरेंद्र का भतीजा भी जय किशोर के बराबर में अपने परिवार के साथ रहता था। इसके परिवार में पत्नी निर्मला देवी के अलवा दो बच्चे अंश यादव व नव्या यादव हैं। जय किशोर इलाके में ही पर्स बनाने की फैक्ट्री चलाता था। शनिवार को वह अपने चाचा के साथ फैक्ट्री का माल लेने के लिए निकला था। चाचा ने सवारी छोडऩे के बाद उसे सदर बाजार मार्केट छोडऩे की बात की थी।
किशोर को खींचकर लाई मौत
दूसरी ओर फिरोजाबाद से मामा के साथ दिल्ली घूमने आए टाटा प्रकाश तो शायद मौत ही यहां खींचकर ला रही थी। हादसे में टाटा और उसके मामा कोमल सिंह दोनों की मौत हुई। उनके परिवार में भी मातम छाया हुआ है। दो साल पूर्व ही टाटा के पिता भंवर सिंह ने पंजाब में सुसाइड कर ली थी। परिवार अभी उस सदमे से भी नहीं उभरा था कि अब दूसरा हादसा हो गया। वहीं कोमल सिंह परिवार के साथ आगरा में रहता है। पिछले काफी समय से वह बेरोजगार था। एक माह रघुबीर नगर एक रिश्तेदार के पास रुककर तीन पहले वह आगरा गया था। अब उसके रिश्तेदार घमंडीलाल ने उसकी श्रीनिवासपुरी चौकी में कुक की नौकरी लगवाई थी। फिरोजाबाद में कोमल की बहन सामंती देवी का परिवार रहता है। टाटा उसका ही बेटा था। छठी कक्षा में पढऩे वाले टाटा ने मामा कोमल से दिल्ली घूमने की बात की।

मोर्चरी पहुंचे 100-125 ऑटो ड्राइवर
इसके पिता पंजाब में काम करते थे। दो साल पहले जहरीला पदार्थ खाकर उन्होंने जान दे दी थी। शुक्रवार रात को कोमल अपने भांजे टाटा को लेकर दिल्ली के निकला था। हर सुखदुख में सुरेंद्र कुमार ऑटो ड्राइवरों के साथ खड़ा रहता था। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुरेंद्र की मौत की खबर मिलते ही करीब 100-125 ऑटो ड्राइवर एलएनजेपी हॉस्पिटल की मोर्चरी पहुंच गए। ऑटो ड्राइवरों ने बताया कि सुरेंद्र बहुत ही मिलनसार थे। शनिवार को सुबह वह बहुत खुश था। उसने बाकी ऑटो ड्राइवरों के साथ चाय की। बाद में वह शाम में मिलने की बात कर चला गया। एक अन्य ऑटो ड्राइवर नसीम ने बताया कि सुरेंद्र बृजेश नामक शख्स का किराए पर लेकर ऑटो चला रहा था। कर्जा होने के कारण वह अपना ऑटो नहीं ले पा रहा था। दिनभर ऑटो ड्राइवर अपना कामधंधा छोड़कर मोर्चरी पर जुटे रहे।

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