नई दिल्ली,(जुनेद अख्तर):दिल्ली सटे नोएडा में फर्जी फर्म तैयार करके जीएसटी रिफंड लेकर सरकार को हजारों करोड़ रुपए का चूना लगाने वाला गिरोह पिछले करीब पांच साल से सक्रिय था। पुलिस के मुताबिक इस गिरोह ने पांच सालों में सरकार को 15 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में सवाल उठता है कि सरकारी एजेंसियों को इस गिरोह की भनक कैसे नहीं हुई। आखिर कैसे ये गिरोह आराम से फर्जी फर्म तैयार कर सरकार को नुकसान पहुंचा रहा था। इस सवाल पर वीरवार को थाना सेक्टर 20 पहुंचे जीएसटी के अधिकारी भी सही से जवाब नहीं दे पाए। अधिकारियों का कहना था कि इस पूरे मामले की जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे।
पुलिस सुत्रों से पता चला है कि इस गिरोह ने पांच हजार से अधिक फर्जी फर्म तैयार की थी। जिसमें से पुलिस अभी 2660 फर्म की जांच कर पाई है। जिससे 15 हजार करोड़ से अधिक के फर्जीवाड़े के बारे में पता चल पाया है। जबकि दो हजार से अधिक फर्जी फर्म की जांच होना अभी बाकी है। अब इस गिरोह पर पुलिस के अलावा सीजीएसटी और एस जीएसटी और इनकम टैक्स की टीम भी काम कर रही है। जांच में पता चला है कि इस गिरोह का नेटवर्क पूरे देश भर में फैला हुआ है। हर राज्य में इस गिरोह के जुड़े लोग सक्रिय हैं। गिरोह का सरगना दीपक ने गिरोह के हर सदस्य को बकाएदा इसके लिए प्रशिक्षण देता था। एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि आरोपियों ने दिल्ली में इस काम के लिए जो ऑफिस बनाए हुए थे वो बड़े साधारण थे। देखने में लगेगा ही नहीं आरोपी इतना बड़ा रैकेट चला रहे होंगे।
सरकारी कर्मचारियों के भी मिले होने की आशंका
पुलिस सुत्रों से पता चला है कि यह गिरोह इतनी आसानी सरकार को चूना नहीं लगा सकता है। हो न हो इस गिरोह के साथ जीएसटी या अन्य सरकारी विभाग का कोई न कोई कर्मचारी जरूर काम कर रहा होगा। बिना सरकारी कर्मचारी के मिलीभगत के इतना बड़ा फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकता है। लेकिन इस सवाल पर पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ये जांच का विषय है। इस गिरोह के हर सदस्य ही गहनता से जांच की जा रही है।
बिटकाइन में बदले करोड़ों रुपए
गिरोह के सरगना समेत सभी सदस्यों की करोड़ों की सम्पत्ति है। लेकिन ये सम्पत्ति कितनी है इसका पुलिस को भी नहीं पता है। लेकिन सुत्रों से पता चला है कि इस गिरोह के अधिकांश सदस्यों ने सरकार को नुकसान पहुंचाकर कमाई अधिकांश रकम को बिटकाइन में बदल दिया है। ऐसे में पुलिस समेत सीजीएसटी, एस जीएसटी और इनकम टैक्स की टीम को इनकी सम्पत्तियों के सही आकड़े जुटाने में काफी पसीना बहाना होगा।
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