Sunday, Mar 26, 2023
-->
toolitk case patiala house court disha ravi farmers protest kmbsnt

Toolitk Case: दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा ये सवाल

  • Updated on 2/21/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। किसान आंदोलन से संबंधित टूलकिट केस (Toolkit Case) में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि (Disha Ravi) की जमानत पर चल रही सुनावई के दौरान दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पुलिस से एक अहम सवाल पूछा गया। एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि मंदिर का चंदा मांगने अगर मैं डकैत के पास जाऊं तो क्या में डकैती में शामिल माना जाऊंगा? फिलहाल कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस केस में 23 फरवरी को फैसला सुनाया जाएगा। 

‘टूलकिट’ मामले में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने शनिवार को यहां एक अदालत में आरोप लगाया कि वह खालिस्तान समर्थकों के साथ यह दस्तावेज (टूलकिट) तैयार कर रही थी। साथ ही, वह भारत को बदनाम करने और किसानों के प्रदर्शन की आड़ में देश में अशांति पैदा करने की वैश्विक साजिश का हिस्सा थी। 

किसान नेताओं में फूट! टिकेत के 2 अक्टूबर तक आंदोलन चलने को चढ़ूनी ने बताया निजी

'हिंसा के लिए टूलकिट जिम्मेदार है इसका क्या सबूत है?'
इन दलीलों के बाद कोर्ट के एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने दिल्ली पुलिस से तीखे सवाल पूछे। वहीं दिशा के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन भारत में बैन नहीं है। उन्होंने कहा कि क्या सड़कों पर जो लोग थे वो टूलकिट की कॉपी अपनी जेब में रख चल रहे थे। उन्होंने पूछा कि हिंसा के लिए टूलकिट जिम्मेदार है इसका क्या सबूत है? 

'लोगों को रैली में जाने के लिए प्रेरित करना देशद्रोह है?'
दिशा के वकील ने कहा कि टूलकिट में केवल लोगों को आगे आने, रैली में हिस्सा लेने और वापस घर जाने के लिए लिखा था। क्या लोगों को रैली में जाने के लिए प्रेरित करना देशद्रोह है? क्या मैं ऐसा करूंगा तो देशद्रोही हो जाऊंगा। टूलिकट में लोगों को सरकारी दफ्तरों में एकत्रित होने के लिए लिखा था, क्या ये देशद्रोह है? 

टूलकिट का असली मंसूबा भारत को बदनाम करना- पुलिस
पुलिस ने कोर्ट में कहा, ‘यह महज एक टूलकिट नहीं है। असली मंसूबा भारत को बदनाम करने और यहां (देश में) अशांति पैदा करने का था।’ दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि रवि ने व्हाट््सऐप पर हुई बातचीत (चैट), ईमेल और अन्य साक्ष्य मिटा दिये तथा वह इस बात से अवगत थी कि उसे किस तरह की कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

Red Fort Violence: दिल्ली पुलिस ने जारी की हिंसा में शामिल 200 लोगों की तस्वीरें

'दिशा ने कोई गलत काम नहीं किया तो उसने ट्रैक रिकॉर्ड क्यों मिटाए?'
पुलिस ने अदालत के समक्ष दलील दी कि यदि दिशा ने कोई गलत काम नहीं किया था, तो उसने अपने ट्रैक (संदेशों) को क्यों छिपाया और साक्ष्य मिटा दिया। पुलिस ने आरोप लगाया कि इससे उसका नापाक मंसूबा जाहिर होता है। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया, ‘वह (दिशा) भारत को बदनाम करने, किसानों के प्रदर्शन की आड़ में अशांति पैदा करने की वैश्विक साजिश के भारतीय चैप्टर का हिस्सा थी। वह टूलकिट तैयार करने और उसे साझा करने को लेकर खालिस्तान समर्थकों के संपर्क में थी।’

ये भी पढ़ें:

 

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
comments

.
.
.
.
.