नई दिल्ली, टीम डिजीटल/ अगर आप गूगल पर बैंकों के टोल फ्री नंबर सर्च कर उस नंबर पर कॉल करने की सोच रहे है तो जरा सावधान हो जाए। जामताड़ा के साइबर ठगों ने इस बार गूगल पर बैंकों के टोल फ्री नंबर के जरिए लोगों को ठगना शुरू कर दिया है। गूगल पर विभिन्न बैंकों के टोल फ्री नंबर के ऐड में अपना मोबाइल नंबर देकर लोगों को अपना शिकार बना रहे है। ऐसे ही साइबर ठगों ने सीआईएसएफ के रिटायर्ड दारोगा के खाते से साइबर ठगों ने पौने छह लाख रुपये निकाल लिए थे। उन्होंने इंटरनेट बैंकिंग में समस्या आने पर बैंक के टोल फ्री नंबर को गूगल पर सर्च किया और उसमें दिए गए नंबर पर कॉल की जो साइबर ठगों के मोबाइल पर गई और वह उनकी धोखाधड़ी का शिकार हो गए। साइबर थाना नोएडा ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और दो साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया। जिस खाते में पैसा गया उसे भी फ्रीज करा दिया। अब साइबर थाना पुलिस का दावा है कि जल्द ही टीम जामताड़ा जाकर गिरोह के मास्टर माइंड मामा को गिरफ्तार करेगी। पकड़े गए आरोपियों में से एक के पास एक प्रेस का कार्ड भी बरामद हुआ है। जिसका इस्तेमाल कर वह पुलिस से मेरठ पुलिस के कुछ कर्मचारियों से दोस्ती गांठे हुए था। एसपी साइबर सेल डा.त्रिवेणी सिंह ने बताया कि गाजियाबाद के रहने वाले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल से रिटायर्ड अधिकारी स्टीफन वी थॉमस ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि कुछ दिन पूर्व उनका नेट बैंकिंग काम नहीं कर रहा था। उन्होंने बैंक के टोल फ्री नंबर पर संपर्क किया तथा अपनी नेट बैंकिंग चालू करने के लिए कहा। कुछ देर बाद एक व्यक्ति का फोन आया। उसने अपने आपको बैंक का कर्मचारी बताया। उनके बैंक की पूरी डिटेल उसके पास थी। साइबर ठग ने अपनी बातों में फंसा कर उनसे ओटीपी नंबर हासिल कर लिया तथा उनके खाते से 5 लाख 97 हजार रुपया निकाल लिए। इसकी जांच साइबर थाना नोएडा प्रभारी ने शुरू की और बिजनौर निवासी लईक तथा मेरठ के परतापुर निवासी मोहम्मद रियाज नामक दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने तीन मोबाइल फोन ,10 डेबिट कार्ड आदि बरामद किया है।
ऐसे कर रहे थे ठगी का धंधा साइबर थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि ये लोग विभिन्न कंपनियों के शिकायत करने वाले टोल फ्री नंबर पर अपना मोबाइल नंबर डाल देते थे और गूगल पर एड देते थे ताकि कोई भी सर्च करे तो उनका नंबर पहले डिस्पले हो। जब वहां पर शिकायत दर्ज कराने वाले लोगों का डाटा हासिल करते हैं तथा उनसे कंपनी का अधिकारी बन कर बात करते हैं। अपने जाल में फंसा कर लोगों के खाते से रकम निकाल लेते हैं। जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला है कि आरोपी गरीब लोगों से लोन दिलाने के नाम पर संपर्क करते हैं। उनसे उनके जरूरी दस्तावेज लेकर धोखाधड़ी करके बैंकों में खाता खुलवाते हैं। लोगों से ठगी गई रकम उन्ही खातों में ये लोग ट्रांसफर करते हैं। यह रकम जामाताड़ा में बैठे मामा नाम के साइबर ठग के पास पहुंचती है। जिसके बदले में वह उन्हें पांच से पच्चीस प्रतिशत तक का कमीशन देता है। उनकी भी जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। गिरफ्तार बदमाशों में है एक मोहम्मद रियाज जनपद बिजनौर से कई बार धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है। उन्होंने बताया कि इन लोगों ने अब तक करीब 200 लोगों से लाखों रुपए की ठगी करने की बात स्वीकार की है।
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