नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। उत्तर प्रदेश सरकार ने कुख्यात अपराधी विकास दुबे प्रकरण की जांच के लिए एकल सदस्यीय आयोग गठित करने का निर्णय किया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि सेवानिवृत्त जस्टिस शशि कांत अग्रवाल के नेतृत्व में एकल सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का निर्णय लिया गया है। आयोग का मुख्यालय कानपुर में होगा।
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अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी की ओर से रविवार को जारी अधिसूचना में कहा गया कि राज्यपाल की चूंकि राय है कि एक लोक महत्व के विषय, जिसमें विकास दुबे तथा उसके साथियों द्वारा दो-तीन जुलाई 2020 और 10 जुलाई 2020 की घटना और इस अवधि के दौरान इस प्रकरण से संबंधित विभिन्न स्थानों पर पुलिस और अपराधियों के बीच हुई मुठभेडों के संबंध में जांच आवश्यक है। अधिसूचना में कहा गया कि जांच आयोग अधिनियम, 1952 की धारा-तीन द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके राज्यपाल, जस्टिस (सेवानिवृत्त) शशि कांत अग्रवाल को एकल सदस्यीय जांच आयोग के रूप में नियुक्त करती हैं।
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राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि आयोग विकास दुबे तथा उसके सहयोगियों द्वारा दो-तीन जुलाई, 2020 की रात्रि में की गई घटना की गहनतापूर्वक जांच करेगा। प्रवक्ता ने बताया कि आयोग 10 जुलाई, 2020 को पुलिस एवं विकास दुबे के बीच हुई मुठभेड़ की गहनतापूर्वक जांच करेगा। साथ ही दो-तीन जुलाई, 2020 और 10 जुलाई, 2020 के बीच पुलिस और इस प्रकरण से सम्बन्धित अपराधियों की बीच हुई प्रत्येक मुठभेड़ की गहनतापूर्वक जांच करेगा। प्रवक्ता के अनुसार यह आयोग अधिसूचना जारी किए जाने की तारीख से दो माह की अवधि के भीतर अपनी जांच पूर्ण कर लेगा।
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उन्होंने बताया कि आयोग दुबे की पुलिस और विभिन्न विभागों के लोगों से संबंध की भी जांच करेगा। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उपाय भी आयोग सुझाएगा। उल्लेखनीय है कि कानपुर नगर में घटित घटना के सम्बन्ध में शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त प्रकरण की जांच विशेष अनुसंधान दल से कराने का शनिवार को निर्णय लिया गया था। अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया था कि इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
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अवस्थी ने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा तथा पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवीन्द्र गौड़ को एसआईटी का सदस्य नामित किया गया है। उन्होंने बताया कि विशेष अनुसंधान दल प्रकरण से जुड़े विभिन्न बिंदुओं और प्रकरण की गहन जांच सुनिश्चित करते हुए 31 जुलाई, 2020 तक जांच रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगा।
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