Sunday, Apr 02, 2023
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Covid Impact: A new problem is being caused by the melting of bones

कोविड इम्पैक्ट : हड्डियों के गलने की वजह बन रही है नई समस्या

  • Updated on 9/26/2022
  •  हड्डियों के गलने से संबंधित मामला 

नई दिल्ली/अंकुर शुक्ला : गंभीर कोरोना के लक्षणों से उबरकर मरीजों की जान तो बच गई लेकिन दूसरी लहर के एक वर्ष बीतने के बाद भी वायरस का प्रभाव स्वास्थ्य के लिए चुनौती बना हुआ है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसके पीछे अत्यधिक मात्रा में एस्टेरॉयड के प्रयोग को बताया जा रहा है।

अभी तक स्टेरायड के इस्तेमाल वाले कोविड रोगियो में शुुगर लेवल बढऩे की बात सामने आती रही थी लेकिन अब यह नई स्वास्थ्य समस्या मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। 

45-60 वर्ष के आयु वर्ग के पुरुष रोगी सबसे ज्यादा प्रभावित :

होम्योपैथी के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. कुशल बनर्जी के मुताबिक ऐसे रोगी ज्यादातर 45 से 60 वर्ष के सामने आ रहे हैं। पिछले 6-8 महीनों में ऐसे मामलों में 15-20 प्रतिशत की बढोत्तरी रिकॉर्ड की गई है। खास बात यह है कि इनमें पुरु षों की संख्या अधिक है। आंकड़ों की बात करें तो पुरुष रोगियों की तादाद 50 प्रतिशत बताई जा रही है। 

आखिर क्या है यह समस्या : 

रक्त आपूर्ति में कमी होने के कारण हड्डी के ऊतकों का मर जाने से उत्तक निष्प्राण होने लगते हैं। यह आमतौर पर फीमर (जांघ की हड्डी) को प्रभावित करता है और शरीर का वजन उठाने वाले एक सबसे महत्वपूर्ण जोड़ को हानि पहुंचाता है। समय रहते उपचार नहीं मिलने से फीमर की गर्दन (इसका सबसे कमजोर बिंदु) का बिंदू टूट सकता है। जिसे ठीक करने के लिए आपातकालीन सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। समस्या अधिक बढऩे पर जोड़ कंे प्रभावित हिस्सों को बदलने की भी जरूरत पड़ सकती है। 

लक्षण :

पद्मश्री, डॉ. कल्याण बनर्जी के मुताबिक स्टेरॉयड और बिसफ़ॉस्फेट के उपयोग के साथ इस रोग का संबंध पुराना है। जो मरी़ कोविड से ठीक हो गए हैं और पीठ के निचले हिस्से, कूल्हे और कमर के आस-पास दर्द की शिकायत कर रहे हैं, उन्हें तत्काल डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यह बीमारी आमतौर पर कूल्हे के जोड़ को प्रभावित करती है, विशेष रूप से फीमर के ऊपरी छोर (जांघ की हड्डी) को। एक्स-रे जैसे आसान से इमेजिंग जांच के जरिए इस समस्या का पता आसानी से लगाया जा सकता है। 

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