Wednesday, Mar 29, 2023
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doctors have more than 5 times the risk of omicron infection than the general population

डॉक्टरों को आम लोगों की तुलना में ओमिक्रॉन संक्र मण का खतरा 5 गुणा से ज्यादा

  • Updated on 1/5/2022

नई दिल्ली/टीम डिजिटल।  कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान लगभग 2,000 डॉक्टरों की मौत हो गई। देश में मृत्यु दर सामान्य आबादी में लगभग 1.5 प्रतिशत रही थी ,जबकि स्वास्थ्यकर्मियों में लगभग 2-3 प्रतिशत थी। इस अनुमान के मुताबिक करीब एक लाख डॉक्टरों में कोरोना हुआ। तीसरी लहर में मृत्यु दर कम होने की उम्मीद हैं, लेकिन ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा संस्करण की तुलना में 5.4 गुणा अधिक संक्रामक है और आम जनता के मुकाबले कोविड रोगियों के लिए हेल्थकेयर के उच्च जोखिम के कारण क्लीनिकों और अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए 5 से 10 गुणा अधिक होने की उम्मीद है। यह कहना है इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का। तीसर लहर को लेकर आईएमए ने केंद्र व राज्य सरकार को अपने सुझाव दिए है। आईएमए अध्यक्ष डॉ.सहजानंद प्रसाद सिंह ने कहा कि देश के कई बड़े मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों में बड़ी संख्या में मेडिकल स्टाफ, खासकर डॉक्टर संक्रमित पाए गए हैं। ऐसे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (मुख्यालय) राज्य ,केद्र सरकार और मेडिकल कॉलेजों को सुझाव देना चाहता है ताकि डॉक्टरों को संक्रमण से सुरक्षा तक सुनिश्चित की जा सके, क्योंकि डॉक्टर महामारी में भारतीय स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं।

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यह दिए है सुझाव
1. रेजिडेंट डॉक्टरों की कोविड ड्यूटी 8 घंटे प्रति दिन और 7 दिन से अधिक नहीं होनी चाहिए, जिसके बाद निर्धारित आवास में 10 से 14 दिनों का क्वारंटाइन होना चाहिए।
2. उनके मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने का भी प्रावधान होना चाहिए।
3. एक कोविड ड्यूटी डॉक्टर के बीमार होने की स्थिति में, सरकारी/निजी अस्पतालों को जल्द से जल्द संबंधित अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए
 4. असमय मृत्यु होने पर कोविड शहीद की स्थिति एवं मुआवजे के साथ-साथ प्रकरणवार सहायता की व्यवस्था की जाए।

 

 

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