नई दिल्ली/ब्यूरो। दिल्ली में पशुओं से मनुष्यों में होने वाले संक्रामक रोग यानी ग्लेंडर्स का संक्रमण घोड़ों में पाए जाने के बाद सरकार ने घोड़ों के किसी भी प्रकार से इस्तेमाल पर तीन माह के लिए रोक लगा दी है। ग्लेंडर्स संक्रमण घोड़ों में तेजी से फैल रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के हिसार स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) से दिल्ली में घोड़ों के ग्लेंडर्स संक्रमण से पीड़ित होने की पुष्टि की है। इस बार गणतंत्र दिवस पर आप बग्घी और घुड़सवार जवानों की परेड शायद नहीं होगी।
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पशुपालन विभाग द्वारा गत 21 दिसम्बर को अधिसूचना जारी कर तत्काल प्रभाव से घोड़ा पालकों को इनकी सार्वजनिक आवाजाही से बचने के लिए कहा गया है। दिल्ली सरकार की विकास आयुक्त मनीषा सक्सेना द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार पश्चिमी दिल्ली के राजा गार्डन स्थित संजय गांधी पशु पालन केंद्र द्वारा एनआरसीई में जांच के लिए भेजे गए 13 सेंपल में से सात में संक्रमण की पुष्टि के बाद यह कदम उठाया गया है।
एनआरसीई में कंप्लीमेंट फिक्शेसन टेस्ट (सीएफटी) में सात सेंपल में ग्लेंडर्स का संक्रमण पाए जाने की पुष्टि हुई है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में लागू ‘पशुओं के साॢसगक एवं संक्रामक रोगों के निवारण और नियंत्रण अधिनियम 2009’ के तहत ग्लेंडर्स संक्रमण को घोड़ों में होने वाली संक्रामक बीमारी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। ग्लेंडर्स रोग पशुओं तथा मनुष्यों को प्रभावित करने वाला ‘जूनोटिक’ संक्रमण है। अधिसूचना में इस अधिनयिम में प्रदत्त अधिकारों के माध्यम से पश्चिमी जिले को तत्काल प्रभाव से ग्लेंडर्स के लिहाज से सीमित क्षेत्र घोषित किया गया है।
ज्ञात हो कि दिल्ली में व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए पाले गए घोड़ों एवं अन्य पशुओं को संक्रामक रोगों के परीक्षण के लिए पश्चिमी दिल्ली स्थित संजय गांधी पशु पालन केंद्र में नियमित रूप से पशुपालकों को ले जाना होता है। इसके मद्देनजर सरकार ने ग्लेंडर्स के संक्रमण को इसी क्षेत्र में सीमित रखने के लिए पश्चिमी दिल्ली जिले को रोग के लिहाज से नियंत्रित सीमित क्षेत्र घोषित किया है।
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इसके अलावा संबद्ध क्षेत्र में घोड़ों की सभी प्रजातियों की सार्वजनिक आवाजाही प्रतिबंधित कर दी है। साथ ही पशु पालकों से घोड़ों की ग्लेंडर्स संक्रमण की जांच एनआरसीए से कराकर इसकी रिपोर्ट पशुपालन विभाग को देने को भी कहा गया है। सरकार ने पशुपालन विभाग एवं अन्य संबद्ध एजेंसियों को संक्रमण रोकने के लिए कानून में विहित उपायों को लागू करने को कहा है। दिल्ली में पशुओं की साल 2012 में हुई गणना के मुताबिक घोड़ों की कुल संख्या 2694 है। इसमें गधे और खच्चर भी शामिल हैं। राष्ट्रीय राजधानी में पशुओं की गणना पांच साल के अंतराल पर होती है।
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