नई दिल्ली/टीम डिजिटल। नव संवत्सर के उपलक्ष्य में शनिवार को आयुर्वेदिक पंचकर्मा हॉस्पिटल प्रशांत विहार में ज्योतिष एवं स्वास्थ्य विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यवक्ता आयुर्वेद विशेषज्ञ व अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर आरपी. पाराशर ने कहा कि राशियों, ग्रहों और नक्षत्रों का शरीर पर विशेष प्रभाव होता है। राशि, ग्रह और नक्षत्र रोगों की उत्पत्ति के कारण तो होते ही हैं, रोगों की तीव्रता और शमन के लिए भी ये उत्तरदायी होते हैं। इसलिए रोगों की चिकित्सा में ज्योतिष की महत्वपूर्ण भूमिका है। सृष्टि का हर पदार्थ और हमारा शरीर पंचमहाभूतों से बना हुआ है और रोग उत्पत्ति के लिए उत्तरदायी वात, पित्त और कफ तीनों दोष भी पंचमहाभूतों से ही बने हैं।
इसी प्रकार राशियां भी किसी एक पंचमहाभूत का प्रतिनिधित्व करती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विभिन्न राशियों वाले व्यक्तियों की अलग-अलग रोगों से पीडि़त होने की प्रबल संभावना होती है और जन्म के समय ही व्यक्ति की कुंडली से इस तथ्य का अंदाजा लग जाता है कि किस व्यक्ति को किस उम्र में कौन सा रोग होगा। उदाहरण के लिए मेष राशि अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करती है और इस राशि के व्यक्ति मस्तिष्क रोग, नेत्र रोग, सिरदर्द आदि से पीडि़त होते हैं। डॉ पाराशर ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों और नक्षत्रों के शरीर पर होने वाले प्रभाव और नकारात्मक प्रभाव से बचने के उपाय भी विस्तार से बताए गए हैं, जिनमें से काफी उपाय आयुर्वेदिक संहिताओं में भी वर्णित हैं। ज्योतिष शास्त्र से यह पता भी चलता है कि किस राशि के व्यक्ति के लिए कौन सी वनस्पति, फल, सब्जी, अनाज व जड़ी बूटियां लाभदायक हैं और कौन सी हानिकारक। चिकित्सा में ज्योतिष शास्त्र की प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति और चिकित्सक को ज्योतिष शास्त्र में वर्णित विभिन्न उपायों का प्रयोग अवश्य करना चाहिए ताकि शरीर को न केवल रोगों से बचाया जा सके बल्कि बीमार होने पर सरलता और शीघ्रता से बीमारी पर काबू भी पाया जा सके। इसलिए ज्योतिष की सामान्य जानकारी चिकित्सकों सहित आम लोगों को भी होनी चाहिए। डॉ पाराशर ने स्पष्ट किया कि चिकित्सा में ज्योतिष की भूमिका सहायक के रूप में है जबकि मुख्य भूमिका आयुर्वेद व अन्य चिकित्सा पद्धतियों की ही रहेगी, हालांकि रोगों से बचाव के लिए किये जाने वाले उपायों में ज्योतिष की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। डॉ उदय पाटनकर और डॉ रूचिका गुप्ता ने भी इस विषय पर विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर नीना सभरवाल, उषा मल्होत्रा, एकता शर्मा, प्रीति, नरेंद्र, अमित, पूजा, आशा, जयेंद्र, सुनीता, मनोज सहित अस्पताल के सभी कर्मचारी और क्षेत्र के नागरिक भी मौजूद थे। कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को विक्रमी संवत 2079 का वार्षिक राशिफल भी भेंट किया गया।
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