नई दिल्ली (टीम डिजिटल) : जेएनयू प्रशासन ने अकादमिक परिषद की एक बैठक में कथित खलल डालने को लेकर आठ छात्रों को निलंबित कर दिया गया है और उनकी छात्रावास सुविधाओं को वापस ले लिया गया है।
बैठक की अध्यक्षता कल कुलपति जगदीश कुमार ने की थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो पूर्व छात्रों की भी पहचान की है जो कथित तौर पर इस घटना में शामिल थे। जेएनयू के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक में खलल डालने में शामिल रहे आठ छात्रों की पहचान की गई है जिन्हें निलंबित कर दिया गया है और उनकी हॉस्टल की सुविधाएं तत्काल प्रभाव से वापस ले ली गई हैं। इस घटना की अनुशासनिक जांच भी शुरू की गई है।
2016 में इन कारणों से विवादों में रहा जेएनयू
जेएनयू छात्र संघ ने इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि वह हर कीमत पर निलंबन आदेश का विरोध करेगी। विवि के एक अधिकारी ने बताया कि प्रॉक्टर के जरिए आरोपी छात्रों को नोटिस भेज दिया गया है। शुरूआती नतीजों के आधार पर यह कार्रवाई की गई है और जांच पूरी होने तक यह प्रभावी रहेगी।
ये छात्र बिरसा अंबेडकर फूले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (बीएपीएसए), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन (डीएसयू), स्टूडेंट्स फ्रंट फॉर स्वराज (एसएफएस) और यूनाइटेड ओबीसी फोरम से जुड़े हुए हैं।
जेएनयू में लागू हुआ यूजीसी 5 मई का नोटिफिकेशन
वे मांग कर रहे हैं कि अकादमिक परिषद मई 2016 की तारीख वाली यूजीसी की एक गजट अधिसूचना को स्वीकार करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे, जिसके जरिए एमफिल और पीएचडी दाखिले के लिए साक्षात्कार एक मात्र योग्यता रखी गई है।
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