Wednesday, Sep 27, 2023
-->

किसी 'दर्दनाक' दौर से कम नहीं है ट्रांसजेंडर निरवैर कौर के लिए दिल्ली मेट्रो का सफर

  • Updated on 6/22/2017

Navodayatimesनई  दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली मेट्रो में सफर करना पुरूष से महिला बनी ट्रांसजेंडर निरवैर कौर के लिए किसी जंग से कम नहीं है। वह हर रोज मेट्रो में सफर करते  वक्त लोगों की  तंजियों नजरों का सामना करती है।

विरोधियों को दबाने के लिए श्रीअकाल तख्त साहिब का इस्तेमाल

कौर को पहले तो जैविक तौर पर पुरूष से महिला बनने के लिए के लिए अपने जीवन में संघर्ष करना पड़ा था, जबकि वह शुरूआत से ही एक महिला की जिंदगी जीना चाहती थी। फिर अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में मेट्रो में सफर करना उनके लिए किसी जंग से कम साबित नहीं हुआ। जनरल कोच में उन्हे पुरूषों की कामुक नजरों का सामना करना पड़ता है और वहीं महिलाओें के कोच में उन्हे महिलाएं असहज महसूस कराती है।


कौर ने अपनी इस परेशानी को लेकर कई बार दिल्ली मेट्रो से गुहार भी लगाई , लेकिन वहां से भी कौर को कोई मदद नहीं मिली। उन्होंने अपनी परेशानी से संबंधित अब तक  2 बार दिल्ली मेट्रो को पत्र लिखकर अपनी परेशानी से रूबरू कराया। पहले उन्होंने फरवरी 21 और फिर 27 अप्रैल को दिल्ली मेट्रो को पत्र लिखा है।

 कौर ने अपने पत्र में लिखा कि जनरल कोच में परूष खुले आम उन पर भुद्दे कमेंट करते है। कुछ तो आगे बढ़कर मुझसे कितना चार्ज लेती हो? जैसे सवाल भी पूछते थे। इन सबसे परेशान होकर मैंने महिलाओं के कोच में सफर करना शुरू कर दिया।

निरवैर कौर ने बताया कि महिलाओं के कोच में सफर करना भी एक मुश्किल चुनौती है। पहले तो सुरक्षा स्टाफ और प्रवेश गेट पर भी अक्सर मेरे महिला होने पर संदेह किया जाता है। मदद की उम्मीद कर रही निरवर कौर को डीएमआरसी की तरफ से मिले पत्र में सिर्फ सहानुभूति ही मिल सकी, कोई ठोस कदम की और बात किसी भी तरह से नहीं की गई है।

द हिंदू-मुस्लिम एकता मंच की ओर से हुई इफ्तार पार्टी 

 डीएमआरसी ने पत्र में दिया ये जवाब

कौर को 5 जून को  डीएमआरसी की ओर से  पत्र मिला। जिसमें उन्होंने लिखा कि फिलहाल दिल्ली मेट्रो के पास ट्रांसजेंडर यात्रियों के लिए कोई अलग से निर्धारित नियम मौजूद नहीं है। दोस्ताना रवैये में दिए गए इस जवाबी पत्र में कहा गया , ' डीएमआरसी सभी यात्रियों की सुरक्षा के लिए संवेदनशील है। हमें दुख के साथ ये सूचित करना पड़ रहा है कि फिलहाल सरकार की तरफ से कोई साफ तौर पर दिशा - निर्देश हमें ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए नहीं दिए गए हैं।  हालांकि , 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडरो के भी जीवन और सम्मान के समान अधिकारी की बात कही थी। 

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
comments

.
.
.
.
.