नई दिल्ली/टीम डिजिटल। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मुक्त विश्वविद्यालय स्थापित करने के अपने नियमों में छूट की घोषणा की है। यूजीसी द्वारा मुक्त विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए विकसित भूमि की आवश्यकता को 40-60 एकड़ से घटाकर पांच एकड़ कर किया गया है। गजट अधिसूचना के अनुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (अनुदान के लिए मुक्त विश्वविद्यालयों की उपयुक्तता) नियम, 1989 को अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (अनुदान के लिए मुक्त विश्वविद्यालयों की उपयुक्तता) (संशोधन), नियम, 2022 कहा जाएगा। यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा कि इस सुधार का उद्देश्य संस्थान के लिए विकसित भूमि की उपलब्धता के चलते , उसे सीमित करने के बजाय दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा देना है। पूर्व में, इस तरह के संस्थानों की स्थापना के लिए न्यूनतम 40-60 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती थी जोकि शहरी और पहाड़ी इलाकों में खरीदना बेहद कठिन काम होता था। अब इसे घटाकर पांच एकड़ विकसित भूमि किया गया है। उन्होंने कहा,चूंकि, छात्र पूरे समय के लिए कैंपस में नहीं जाते हैं इसलिए आयोग ने महसूस किया कि और अधिक संख्या में विश्वविद्यालयों की शुरुआत करने व अधिक से अधिक छात्रों को शिक्षा उपलब्ध कराने के मद्देनजर बुनियादी ढांचा आवश्यकता में छूट दी जा सकती है। मानदंडों के अनुसार, यूजीसी तब तक किसी मुक्त विश्वविद्यालय को केंद्र सरकार, आयोग या केंद्र से सहायता प्राप्त करने वाले किसी अन्य संगठन से अनुदान प्राप्त करने के लिए उपयुक्त घोषित नहीं करेगा, जब तक कि यूजीसी ढांचागत मानदंडों को लेकर संतुष्ट न हो।
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