Saturday, Dec 02, 2023
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Meghalaya, Himachal Delhi getting electricity from solar, wind, demand recorded at 7098 MW

मेघालय, हिमाचल और सोलर, पवन ऊर्जा से मिल रही दिल्ली को बिजली, सबसे ज्यादा मांग 7098 मेगवाट हुई दर्ज

  • Updated on 6/13/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। राजधानी में बिजली की मांग ने इस साल के नए रिकार्ड कायम किए हैं। आज बिजली की पीक डिमांड 7098 मेगावॉट पहुंच गई। इसमें बीआरपीएल इलाके में आज बिजली की पीक डिमांड 3103 मेगावॉट और बीवाईपीएल क्षेत्र में 1615 मेगावॉट रही। गरमी बढ़ी तो जून के 13 दिन में ही मांग 2708 मेगवाट बढ़ गई। 
       बता दें कि 1 जून को मांग 4390 मेगावॉट थी और आज यह 61 प्रतिशत बढ़कर 7098 मेगावॉट पर पहुंच गई। हालांकि पिछले साल के रेकॉर्ड के मुकाबले यह कम है क्योंकि 2022 में पीक डिमांड 7695 मेगावॉट दर्ज हुई थी और 2021 में 7323 मेगावॉट रही थी। जबकि 2020 में 6314 मेगावॉट, 2019 में बिजली की मांग 7409 मेगावॉट दर्ज की गई थी। 
      बीएसईएस के अधिकारी ने अनौपचारिक तौर पर बताया कि बढ़ती मांग की पूरी व्यवस्था है। 
आने वाली गर्मियों में बीएसईएस क्षेत्र में बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने में हरित ऊर्जा की बड़ी भूमिका होगी। गर्मियों के लिए बीएसईएस ने 1500 मेगावॉट हरित ऊर्जा से मिल रही है। सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ  इंडिया से 888 मेगावॉट सौर ऊर्जा व 486 मेगावॉट पवन ऊर्जा के अलावा कचरे से बनने वाली 40 मेगावॉट बिजली भी शामिल है। इसके अतिरिक्त बीएसईएस क्षेत्र में लगे सोलर पावर प्लांटों से भी 130 मेगावॉट से अधिक बिजली मिलेगी। 
       उन्होने बताया कि लंबी अवधि के समझौतों के तहत केंद्र व राज्यों के पावर प्लांट  से मिलने वाली नियमित बिजली के अलावा, बीएसईएस को पावर बैंकिंग सिस्टम से भी 630 मेगावॉट बिजली मिलेगी। पावर बैंकिंग के तहत तमिलनाडु, केरल, मेघालय, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों से भी बिजली मिलेगी। वह बताते हैं कि मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार एआई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बिजली की व्यवस्था कर रहे हैं। 

वर्ष-अधिकतम मांग 
2023- 7098 मेगावॉट 
2022-7695 मेगावॉट 
2021- 7323 मेगावॉट
2020 -6314 मेगावॉट
2019- 7409 मेगावॉट  

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