नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली मुख्य सचिव विवाद से मारपीट और बदसलूकी के मामले में दिल्ली पुलिस आज शाम को आप के दो और विधायकों से भी पूछताछ कर सकती है। जिनका नाम नितिन त्यागी और राजेश ऋषि हैं, जो की मुख्य सचिव मामले में संदिग्ध है।
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वहीं, पुलिस का सूत्रों की ओर से यह भी संभावना है कि उन दोनों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है। हालांकि इस मामले में पुलिस की तरफ से कोई भी सूचना नहीं दी गई है। वहीं, नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के अडिशनल डीसीपी हरेंद्र कुमार सिंह ने दोनों विधायकों को पूछताछ के लिए बुलाए जाने की बात की पुष्टि की है।
इस मामले में दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ट अधिकारी ने अपनी बात रखते हुए बताया कि शकरपुर से विधायक नितिन त्यागी और जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि आधी रात के वक्त सीएम हाउस में आयोजित बैठक में शामिल हुए थे और उसी कक्ष में मौजूद थे जब सीएम अंशु प्रकाश के साथ मारपीट की गई थी। इसके साथ ही पुलिस की जांच में भी यह बात सामने आई है कि वो दोनों विधायक सीएम के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने और उन्हें धमकी दोनों वालों में शामिल थे। इसके साथ ही यह बात अंशु प्रकाश ने अपनी शिकायत में भी कही थी और साथ ही यह भी कहा था कि वह मीटिंग में मौजूद उस वक्त विधायकों को पहचान सकते हैं।
दिल्ली पुलिस ने एक अधिकारी को यह बताया कि यह मामला केवल मारपीट या बदसलूकी का ही नहीं बल्कि साजिश का भी है। नितिन त्यागी सीसीटीवी फुटेज में भी नजर आ रहे हैं।
दिल्ली अदालत ने आप विधायक की जमानत याचिका पर पुलिस को नोटिस जारी किया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप विधायक प्रकाश जरवाल की जमानत याचिका पर शहर की पुलिस से आज जवाब मांगा। जरवाल को दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से कथित हाथापाई मामले में गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूॢत मुक्ता गुप्ता ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया और उन्हें सात मार्च तक इस मामले में स्थिति रिपोर्ट जमा कराने का निर्देश दिया। जरवाल को सत्र अदालत ने यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि उन्होंने 56 वर्षीय अधिकारी के ‘‘सम्मान से खुलेआम खिलवाड़’’ किया। जिसके बाद विधायक ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
विधायक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका एम जॉन ने अदालत को बताया कि मामले में जांच पूरी हो चुकी है और अब उन्हें हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है। जॉन ने कहा, ‘‘ प्रबुद्ध सत्र न्यायाधीश इस पर गौर नहीं कर पाए कि प्राथमिकी अगले दिन दोपहर एक बजे दर्ज करवाई गई। यह ध्यान में रखते हुए कि शिकायतकर्ता (प्रकाश) खुद एक शक्तिशाली पद पर हैं और दिल्ली पुलिस के सर्वोच्च अधिकारियों से उनका सीधा संपर्क है, यह विलंब काफी अधिक है।’’ उन्होंने कहा,‘‘ ऐसे में यह साफ है कि प्राथमिकी दर्ज करवाने का फैसला बाद में लिया गया और इसके पीछे उद्देश्य याचिकाकर्ता और अन्य को इसमें फंसाना था।’’
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वरिष्ठ अधिवक्ता ने अदालत में कहा कि पुलिस ने अन्य मामलों में विधायक के शामिल होने के बारे में गलत तस्वीर पेश की है क्योंकि वे मामले राजनीतिक थे और या तो वे रद्द हो चुके हैं या फिर सच साबित नहीं हुए हैं।अधिवक्ता ने देवली से विधायक जरवाल को छोडऩे की मांग की और कहा कि वह वर्तमान विधायक हैं ना कि कोई आदतन अपराधी।
जरवाल को 20 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। वह 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में विधायक अमानतुल्ला खान को भी गिरफ्तार किया गया है। यह मामला 19 फरवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बैठक के दौरान कथित हाथापाई किए जाने से संबंधित है।
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